Trump Tariff Impact on Indian GDP: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से भारत के निर्यात पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ से इंडियन इकॉनमी को झटका लग सकता है। गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) का कहना है कि ट्रंप टैरिफ के फैसले से भारत की रीयल GDP ग्रोथ रेट में सालाना आधार पर और 0.3 फीसदी प्वाइंट (pp) की गिरावट आ सकती है। यह अप्रैल 2025 में लागू पहले टैरिफ राउंड से पहले ही अनुमानित 0.3 pp के असर के अतिरिक्त है।
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, कुछ रियायतों को लागू करने के बाद भारत के निर्यात पर प्रभावी औसत टैरिफ दर लगभग 32 फीसदी पर स्थिर होगी। दरअसल, अमेरिका के ट्रेड एक्सपैंशन एक्ट 1962 की धारा 232 के अंतर्गत निर्यात पर कुछ छूट मिलेगी।
इससे पहले, RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था। आरबीआई गवर्नर कहा कि फिलहाल GDP पूर्वानुमान में बदलाव के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है।
गोल्डमैन सैक्स ने फिलहाल भारत की GDP ग्रोथ का पूर्वानुमान नहीं बदला है। हालांकि, चेताया है कि अगर जवाबी कदम या व्यापक व्यापार प्रतिबंध लागू होते हैं तो असर और बढ़ सकता है। रिपोर्ट में कहा किया कि बातचीत की गुंजाइश बनी हुई है। क्योंकि नए टैरिफ के लागू होने में अभी तीन सप्ताह का समय है।
बता दें, बुधवार शाम ट्रंप ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर कर भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो जाएगा। यह नया टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो जाएगा। आदेश में कहा गया है कि ट्रंप प्रसाशन ने यह कदम भारत के रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने को लेकर उठाया है।
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ट्रंप टैरिफ के जवाब में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे लिए किसानों का हित सर्वोपरि है… मुझे पता है कि इसके लिए मुझे भारी व्यक्तिगत कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।”
भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण” बताया। मंत्रालय ने कहा, “भारत की एनर्जी सप्लाई बाजार दरों और सप्लाई सिक्युरिटी के आधार पर तय होती है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने उन फैसलों के लिए भारत पर अतिरिक्त ड्यूटी लगाई, जो कई अन्य देश अपने राष्ट्रीय हितों में ले रहे हैं।”
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गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों के मुताबिक, भारत की GDP का करीब 4 फीसदी अमेरिका की फाइनल डिमांड से जुड़ा हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.5 अरब डॉलर के वस्तुएं निर्यात कीं, जबकि अमेरिका से 45.7 अरब डॉलर का आयात किया गया। प्रमुख निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, दवाएं और वस्त्र शामिल हैं, जबकि प्रमुख आयातों में कच्चा तेल, रत्न-आभूषण और मशीनरी शामिल हैं।
बता दें, रूस भारत के कच्चे तेल का लगभग एक-तिहाई हिस्सा वित्त वर्ष 2024-25 में आपूर्ति कर रहा था, जबकि अमेरिका का हिस्सा सिर्फ 4 फीसदी था। हालांकि अप्रैल और मई 2025 में यह हिस्सा बढ़कर 8 फीसदी तक पहुंचा, फिर भी अमेरिका एक छोटे आपूर्तिकर्ता के रूप में ही बना हुआ है।