अर्थव्यवस्था

स्टील पर ट्रंप शुल्क की मार, भारत का तीन विकल्पों पर विचार

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पेरिस में संवाददाताओं से कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय तरीके से ऐसे मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।

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असित रंजन मिश्र   
Last Updated- June 02, 2025 | 10:58 PM IST

अमेरिका ने स्टील और एल्युमीनियम आयात पर सेफगार्ड शुल्क दोगुना कर 50 फीसदी कर दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर बढ़ते दबाव के बीच तीन विकल्पों पर विचार कर रहा है। एक सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने करने की शर्त पर कहा, ‘वर्तमान में तीन विकल्प मौजूद हैं। हम इस बात पर जोर दे सकते हैं कि अमेरिका का उपाय सेफगार्ड शुल्क है और जवाबी शुल्क लगाया जा सकता है। भारत कुछ अन्य देशों की तरह विश्व व्यापार संगठन में भी ​शिकायत दर्ज करा सकता है। हम द्विपक्षीय वार्ता जारी रख सकते हैं और किसी सहमति पर पहुंच सकते हैं। ये सभी विकल्प हैं, जिस पर अंतिम फैसला लेना है।’

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पेरिस में संवाददाताओं से कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय तरीके से ऐसे मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए। अमेरिका और भारत के अच्छे संबंध हैं और हम इन सभी मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय तरीके से करने के लिए साथ मिलकर काम करते रहेंगे।’

भारत ने 9 मई को सेफगार्ड समझौते के तहत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को अमेरिका द्वारा स्टील, एल्युमीनियम और उनसे संबं​धित डेरिवेटिव उत्पादों पर लगाए गए शुल्क के जवाब में समझौते के तहत रियायतों को निलंबित करने के अपने इरादे के बारे में सूचित किया। भारत का रुख था कि अमेरिकी शुल्क डब्ल्यूटीओ नियमों के तहत सेफगार्ड उपायों की तरह थे जो भारत को समान रियायतें वापस लेने का अधिकार देते हैं।

भारत ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए सुरक्षा उपायों से भारत के 7.6 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा, जिन पर 1.91 अरब डॉलर का शुल्क वसूल सकता है। अमेरिका अधिसूचना में कहा गया है, ‘भारत द्वारा प्रस्तावित रियायतों के निलंबन के कारण अमेरिका में बने उत्पादों से समतुल्य राशि का शुल्क वसूला जाएगा।’ अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह सुरक्षा समझौते के तहत शुल्क पर चर्चा नहीं करेगा। उसने कहा है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा उपाय हैं, कोई सुरक्षा कार्रवाई नहीं।

नई दिल्ली स्थित ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भले ही भारत के पास कई कानूनी और राजनयिक विकल्प हैं लेकिन वह तुरंत कार्रवाई नहीं करना चाहेगा। भारत, अमेरिका के साथ चल रही द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता वार्ता को इस मुद्दे को सुलझाने का मुख्य मंच बना सकता है।

अमेरिका को मुक्त व्यापार समझौते के हिस्से के रूप में स्टील और एल्युमीनियम पर धारा 232 के शुल्क को खत्म करने या कम करने के लिए प्रेरित करके भारत बातचीत के जरिये मामले का समाधान कर सकता है और जवाबी या कानूनी कार्रवाई से बच सकता है।

जब अमेरिका ने भारत को अपनी प्राथमिकता की सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) से हटा दिया तथा स्टील और एल्युमीनियम शुल्क जारी रखा था तो भारत ने जून 2019 में बादाम और सेब से लेकर रसायन तक करीब 28 अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगा दिया था। यह डब्ल्यूटीओ द्वारा स्वीकृत जवाबी कार्रवाई का भारत का पहला उपयोग था। हालांकि दोनों देशों के बीच विवादों का हल करने पर सहमति बनने के बाद सितंबर 2023 में ये शुल्क वापस ले लिए गए थे।

First Published : June 2, 2025 | 10:28 PM IST