भारतीय रिजर्व बैंक मनी चेंजर्स को अधिकृत करने की व्यवस्था दुरुस्त करने जा रहा है। बैंकिंग सेवाएं व्यापक रूप से उपलब्ध होने और विदेशी मुद्रा विनिमय की सेवाओं के वैकल्पिक रास्तों को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा सकता है। केंद्रीय बैंक ने इसके लिए नियमों का मसौदा जारी किया है और 31 जनवरी 2024 तक उस पर राय मांगी है।
मसौदे में मनी चेंजर्स की एक नई श्रेणी बनाने का प्रस्ताव है, जो श्रेणी 1 और श्रेणी 2 के अधिकृत वितरकों के फॉरेक्स कॉरेस्पॉन्डेंट बनकर एजेंसी के जरिये मुद्रा बदलने का काम करेंगे। ऐसी एजेंसियों को रिजर्व बैंक से अधिकृत नहीं होना पड़ेगा।
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नियामकीय बोझ घटाने और कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए श्रेणी 2 के अधिकृत डीलर को सदैव के लिए अधिकृत बनाए रखने का भी प्रस्ताव है यानी उसे बार-बार रीन्यूअल नहीं कराना होगा।इस श्रेणी के डीलर विदेश जाने वालों को फॉरेक्स प्री-पेड कार्ड जारी कर सकते हैं।
एक प्रस्ताव यह भी है कि पूर्ण मनी चेंजर रिजर्व बैंक से श्रेणी 2 का अधिकृत डीलर बनने के लिए आवेदन कर सकता है। इस श्रेणी का अधिकृत डीलर अधिकार पत्र खत्म होने से दो महीने पहले केंद्रीय बैंक से बात कर स्थायी अधिकार पत्र हासिल कर सकता है बशर्ते वह योग्यता की शर्तें पूरी करता हो।