अर्थव्यवस्था

स्थायी भर्तियों में आएगी कमी! ताजा बिजनेस एक्सपेक्टेशंस सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा

अगले 6 महीने में कुशल कामगारों की नियुक्ति को इच्छुक कंपनियों की संख्या सितंबर तिमाही में घटकर 24.9 प्रतिशत रह गई है, जो जून तिमाही में 27.9 प्रतिशत थी।

Published by
शिवा राजौरा   
Last Updated- November 03, 2023 | 10:03 PM IST

अगले 6 महीने में स्थायी कर्मचारियों की भर्ती करने की इच्छा रखने वाली कंपनियों की हिस्सेदारी करीब आधी घटकर सितंबर तिमाही में 15.9 प्रतिशत रह गई है, जो जून तिमाही में 30.9 प्रतिशत थी। इससे श्रम बाजार में दबाव का संकेत मिलता है।

इसी तरह से अपने कार्यबल में अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती पर विचार कर रही कंपनियों की संख्या भी इस दौरान 45 प्रतिशत से घटकर 35.6 प्रतिशत रह गई हैं।

नैशनल काउंसिल आफ अप्लायड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की गुरुवार को वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के लिए जारी ताजा बिजनेस एक्सपेक्टेशंस सर्वे (बीईएस) में पिछले 3 महीने के दौरान भर्ती के तरीकों के साथ आगामी 6 महीनों में रोजगार के पहलुओं पर अपनी राय पेश की।

सर्वे के 126वें दौर में 50 फर्मों को शामिल किया गया है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के सहयोग से यह सर्वे सितंबर में किया गया। एनसीएईआर 1991 से हर तिमाही में बीईएस कर रहा है, जो 4 इलाकों में होता है।

सर्वे में कहा गया है कि श्रम बाजारों पर दबाव बना रहेगा। अगले 6 महीने के दौरान कर्मचारियों की भर्ती को लेकर स्थिरता की स्थिति रहेगी क्योंकि ज्यादातर फर्मों (83.3 प्रतिशत) का कहना है कि कर्मचारियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा।

इसके अलावा अगले 6 महीने में कुशल कामगारों की नियुक्ति को इच्छुक कंपनियों की संख्या सितंबर तिमाही में घटकर 24.9 प्रतिशत रह गई है, जो जून तिमाही में 27.9 प्रतिशत थी। वहीं अकुशल कर्मचारियों की भर्ती इस अवधि के दौरान 31.1 प्रतिशत से घटकर 21.1 प्रतिशत रहने की संभावना है।

सर्वे में कहा गया है कि कुल मिलाकर श्रम बाजार में वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में स्थिति मिली जुली थी और ज्यादातर फर्में उम्मीद कर रही हैं कि विभिन्न प्रकार के श्रमिकों की भर्ती में कोई बदलाव नहीं होगा।

साथ ही एक छोटा प्रतिशत ऐसी फर्मों का भी है, जो उम्मीद कररही हैं कि विभिन्न तरह के कर्मचारियों की भर्ती में कमी आएगी। एनसीएईआर में प्रोफेसर बोरनाली भंडारी ने कहा कि सर्वे से व्यापक तौर पर श्रम बाजार में स्थिरता के संकेत मिलते हैं क्योंकि ज्यादातर फर्मों ने अपने श्रम बल में कोई बदलाव न करने की बात की है।

उन्होंने कहा, ‘सर्वे का परिणाम सिर्फ धारणा का संकेतक है। इससे पता चलता है कि नौकरियों का सृजन अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ है क्योंकि कंपनियां कुशल और स्थायी कर्मचारियों की भर्ती को लेकर कम रुचि दिखा रही हैं।’

First Published : November 3, 2023 | 10:03 PM IST