कोविड-19 के मामले बढऩे और तमाम राज्यों में नए सिरे से लॉकडाउन के कारण अर्थशास्त्री भारत में आर्थिक रिकवरी को लेकर निराशाजनक अनुमान लगा रहे हैं। बोफा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने 26 जुलाई के अपने नोट में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6 प्रतिशत संकुचन होगा।
आस्था गुडवाणी के साथ मिलकर तैयार किए नोट में बोफा सिक्योरिटीज के भारत के अर्थशास्त्री इंद्रनील सेनगुप्ता ने लिखा है, ‘कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच मौजूदा प्रतिबंध 2 महीने और बढ़कर नवंबर के अंत तक जाने की उम्मीद है, और कारोबार की शुरुआत दिसंबर में ही हो सकेगी। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 21 में संकुचन 200 आधार अंक बढ़कर 6 प्रतिशत हो जाएगा। हमारा अनुमान है कि एक महीने के लॉकडाउन से सालाना जीडीपी पर 100 आधार अंक का असर होगा। अगर वैश्विक/भारत की अर्थव्यवस्था वैक्सीन आने तक इंतजार करती है तो हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 21 में कम से कम 7.5 प्रतिशत का संकुचन होगा।’
इसे देखते हुए बोफा सिक्योरिटीज का अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति वित्त वर्ष 21 में नीतिगत दरों में100 आधार अंक की कटौती करेगी, जबकि पहले 75 आधार अंक की कटौती का अनुमान लगाया गया था। इस दौरान महंगाई दर वित्त वर्ष 21 की दूसरी छमाही में जुलाई के 6.3 प्रतिशत से घटकर 2.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
बोफा ने कहा है, ‘धीमी गतिविधियों की वजह से केंद्र का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 7 प्रतिशत हो सकता है और 11.2 प्रतिशत हो सकता है।’