वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने गुरुवार को कहा कि दुनिया को ऐसे किसी भी तरह के संरक्षणवाद से बचने की जरूरत है जिनसे व्यापार में बाधा डालने वाली ज्यादा रुकावटें खड़ी होती हों। उन्होंने व्यापार को बढ़ावा देने के लिेए पारस्परिक मान्यता समझौते (एमआरए) करने का आह्वान किया। उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘मेरे विचार से दुनिया को ऐसे किसी भी तरीके से बचने की जरूरत है जो अधिक व्यापार बाधाएं, तकनीकी अवरोध और व्यापारिक रुकावटें खड़ी करते हों।’
बड़थ्वाल की टिप्पणी अमेरिका की व्यापार नीति के अधिक संरक्षणवादी होने के संदर्भ में आई है। इसके अलावा नए सिरे से व्यापार युद्ध का खतरा भी पैदा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक भारत का निर्यात निरंतर बढ़ता रहता है तब तक भारत को आयात के बारे में ‘अत्यधिक चिंता’ नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को ‘व्यापारवादी दृष्टिकोण’ से बचना चाहिए। ‘व्यापारवादी दृष्टिकोण’ का अर्थ यह है कि व्यापार संतुलन और बढ़ते आयात के बारे में चिंता नहीं करना।
सचिव ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और ऐसे में यदि विश्व की अर्थव्यवस्था 3-3.5 प्रतिशत की देर से बढ़ रही है तो स्वाभाविक तौर पर भारत को अधिक आयात, अधिक खपत की जरूरत होगी। मैं आपको यह बात स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि निर्यात के लिए आयात भी काफी अहम है। उन्होंने कहा कि कच्चे माल और माध्यमिक उत्पादों का आयात जरूरी है।