केंद्र की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत देश के भीतर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए जो प्रमुख क्षेत्र चुने गए थे, उनमें साल भर के भीतर ही निवेश सुस्त पड़ने लगा है। योजना पर नजर रखने वाली अंतर-मंत्रालय समिति की रिपोर्ट है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान कपड़ा, आईटी हार्डवेयर व विशेष इस्पात जैसे क्षेत्रों में पीएलआई योजना के तहत निवेश में वृद्धि काफी सुस्त रही है।
सरकार को वित्त वर्ष 2024 में पीएलआई योजना के तहत प्रमुख क्षेत्रों में 49,682 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद थी। मगर चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 14 क्षेत्रों में करीब 30,695 करोड़ रुपये का यानी 61.8 फीसदी निवेश ही हो पाया है। कपड़ा, आईटी हार्डवेयर और विशेष इस्पात जैसे तीन क्षेत्रों के अलावा चिकित्सा उपकरण, वाहन एवं वाहन कलपुर्जा, एसीसी बैटरी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे क्षेत्रों में भी निवेश की रफ्तार धीमी रही है।
समीक्षा बैठक में किए गए आकलन के अनुसार मोबाइल फोन, बल्क ड्रग्स, फार्मास्युटिकल्स, दूरसंचार, ड्रोन और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में पीएलआई योजना अच्छा प्रदर्शन कर रही है। ये क्षेत्र निवेश, उत्पादन अथवा बिक्री और रोजगार के मोर्चों पर सरकार द्वारा अनुमानित लक्ष्य हासिल करते या उनके पार जाते दिख रहे हैं।
समीक्षा बैठक के दस्तावेज बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी देखे हैं। उनमें कहा गया है, ‘आईटी हार्डवेयर, कपड़ा उत्पाद और विशेष इस्पात जैसे क्षेत्रों में पीएलआई योजना की प्रगति निवेश (वित्त वर्ष 2024 में) के लिहाज से काफी सुस्त रही है।’ इस समिति में पीएलआई योजना के प्रमुख हितधारकों- संबंधित मंत्रालयों/विभागों, नीति आयोग और डीपीआईआईटी- को शामिल किया गया है।
पिछले वित्त वर्ष में पीएलआई निवेश सरकार के अनुमान से अधिक रहा, लेकिन सभी योजनाओं में एकसमान प्रगति नहीं हुई थी। सभी पीएलआई योजनाओं के तहत वित्त वर्ष 2022-23 तक निवेश का लक्ष्य 60,345 करोड़ रुपये था मगर वास्तविक निवेश 75,917 करोड़ रुपये यानी लक्ष्य से अधिक रहा। इसलिए उत्पादन तथा रोजगार भी लक्ष्य से ज्यादा रहे। उत्पादन का लक्ष्य 5.78 लाख करोड़ रुपये था मगर आंकड़ा 5.96 लाख करोड़ रुपये रहा। इसी तरह 2.54 लाख रोजगार सृजित करने थे मगर 3.67 लाख प्रत्यक्ष रोजगार मिले।
बैठक के ब्योरे में कहा गया है, ‘बल्क ड्रग्स एवं चिकित्सा उपकरण के लिए पीएलआई योजनाओं के तहत निवेश लक्ष्य हासिल कर लिया गया मगर उत्पादन अथवा बिक्री के मामले में लक्ष्य अभी दूर है। वाहन एवं वाहन कलपुर्जा में पीएलआई योजना के तहत उत्पादन और बिक्री लक्ष्य हासिल हो चुका है, लेकिन निवेश लक्ष्य अभी पूरा नहीं हो पाया है।’
निवेश के लिहाज से कपड़ा उत्पाद, आईटी हार्डवेयर और विशेष इस्पात क्षेत्र में पीएलआई योजनाओं की प्रगति भी सुस्त हुई है। इस योजना के तहत अब तक कुल 1.03 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और इसके लागू होने के बाद से 3.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हो चुका है।
डीपीआईआईटी के आंकड़ों के अनुसार पीएलआई निवेश की वजह से 8.61 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ और 6.78 लाख से अधिक प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार सृजित हुए।