चढ़ते बाजार में रिसर्च एनालिस्ट की संख्या बढ़ी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:57 AM IST

शेयर बाजार में तेजी, कई नई कंपनियों के सूचीबद्ध होने और खुदरा निवेशकों की बढ़ोतरी की वजह से शोध में तेजी आई है और ऐसी कई संस्थाओं की तादाद में भी तेजी आई है जो ऐसी सेवाएं मुहैया करा रहे हैं। मार्च 2018 तक 476 संस्थाएं शोध सेवाएं मुहैया करा रही थीं लेकिन मार्च 2021 तक इनकी तादाद में 57 फीसदी की तेजी आई और इनकी संख्या बढ़कर 733 हो गई। पिछले महीने इस सूची में 46 और संस्थाएं जुड़ गईं और 13 सितंबर तक पंजीकृत शोध विश्लेषकों की कुल तादाद 779 हो गई। 
हालांकि विश्लेषकों की कुल संख्या इस बार ज्यादा हो सकती है। इसकी वजह यह है कि सेबी ने कहा है कि नियमन संगठन के किसी विश्लेषक के बजाय मुख्य रूप से संगठन पर लागू होते हैं।  नियामक की वेबसाइट के एक नोट पर लिखा है, ‘किसी संस्था के साथ शोध विश्लेषक के रूप में कार्यरत लोगों को सेबी से पंजीकरण प्रमाणपत्र हासिल करने की जरूरत नहीं है। जो शोध संस्था लोगों को शोध विश्लेषक के तौर पर काम पर रखती है उसे पंजीकरण प्रमाणपत्र हासिल करने की जरूरत है। शोध संस्थाओं में कार्यरत शोध विश्लेषकों को नियमन में निर्दिष्ट योग्ताओं और प्रमाणन का अनुपालन करने की जरूरत है।’ इसमें वित्त या अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की जरूरत है।इसीलिए पंजीकृत संस्थाओं के मुकाबले विश्लेषकों की वास्तविक संख्या ज्यादा ही होगी क्योंकि सभी संगठन में आमतौर पर विभिन्न क्षेत्रों पर नजर रखने वाले विश्लेषकों की एक टीम होती है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने 250 शोध विश्लेषकों के पंजीकरण का जायजा लिया जो कंपनियां हैं। कुछ अतिरिक्त लोग भी होते हैं जो किसी संगठन से जुड़े नहीं होते हैं लेकिन वे शोध विश्लेषक के तौर पर पंजीकृत होते हैं।

ब्रोकिंग कंपनी की खुदरा इकाई आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज  के शोध प्रमुख पंकज पांडेय के मुताबिक शोध विश्लेषकों में आई तेजी की एक वजह बाजार में व्यापक स्तर पर आई तेजी है और इसकी वजह से विभिन्न क्षेत्रों
शोध की मांग बढ़ रही है। उनका कहना है, ‘पहले बाजार की तेजी में लार्ज कैप का योगदान रहा है।’ मंगलवार को बीएसई स्मॉल कैप सूचकांक ने अब तक के उच्चतम स्तर को छू लिया वहीं 7 सितंबर को सेंसेक्स ने अब तक के उच्चतम स्तर 58553.07 को छू लिया। पांडेय का कहना है कि नई कंपनियों के सूचीबद्ध होने पर उन पर नजर रखने की जरूरत होगी। प्राइम डेटाबेस ग्रुप के आंकड़े दर्शाते हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 में 30 नई कंपनियों को सूचीबद्ध किया जाना था। वित्त वर्ष 2022 के पहले पांच महीने के दौरान भी 20 और कंपनियां सूचीबद्ध होंगी जिसकी वजह से ज्यादा विश्लेषकों की जरूरत होगी।

First Published : September 18, 2021 | 12:33 AM IST