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अच्छा प्रदर्शन कर रही अर्थव्यवस्था, नकारात्मक के मुकाबले सकारात्मक बातें अधिक: दास

ब्याज दरों पर समय से पहले किसी भी तरह के कदम से वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच का संतुलन बिगड़ने की आशंका

Last Updated- October 28, 2024 | 9:40 PM IST
Reserve Bank Governor met the Finance Minister, discussed before the end of his tenure रिजर्व बैंक के गवर्नर ने की वित्त मंत्री से भेंट, कार्यकाल समाप्ति से पहले चर्चा

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चेताया है कि त्योहारी सीजन की मांग के बारे में टिप्पणियों से भारत की आर्थिक वृद्धि के बारे में मिलेजुले संकेत मिलते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि नकारात्मक के मुकाबले सकारात्मक बातें अधिक हैं और अर्थव्यवस्था यथोचित रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

वाशिंगटन डीसी में सीएनबीसी टीवी18 के साथ बातचीत में दास ने कहा, ‘कुछ क्षेत्रों में तथाकथित सुस्ती के मुकाबले हमें सकारात्मकता अधिक मिल रही है। इस साल दमदार मॉनसून रहने से कृषि क्षेत्र भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। रबी फसल से काफी उम्मीदें हैं और ग्रामीण मांग भी फिर से बढ़ गई है।’ इसके अलावा दास ने कहा कि कई उच्च रफ्तार वाले संकेतक दमदार वृद्धि दर्शा रहे हैं, जिससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था यथोचित रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

मगर रिजर्व बैंक के गवर्नर ने इस बात का भी उल्लेख किया कि भूराजनीतिक संकट, भू आर्थिक बिखराव और किसी तरह की चरम मौसमी घटनाएं, जो बाहरी मांग को प्रभावित कर सकती है, भारत की वृद्धि के लिए सबसे बड़ी जोखिम होंगी।

उन्होंने कहा, ‘लेकिन कुल मिलाकर भारत की आर्थिक वृद्धि हमेशा से हमारी घरेलू मांग और घरेलू निवेश के दम पर टिकी रही है, जो फिलहाल काफी मजबूत है।’ रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी, जिसमें दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 7.4 फीसदी वृद्धि होगी।

शक्तिकांत दास ने उल्लेख किया है कि फिलहाल वृद्धि और मुद्रास्फीति का संतुलन बेहतर है और यही कारण है कि हाल ही में हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में नीतिगत रुख को बदलकर कर तटस्थ कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास आने वाले रुझानों को देखने, उभरते नजरिये का आकलन करने और यह तय करने का वक्त है कि हमें कौन-सा नीतिगत कदम उठाना है।’

दास ने कहा कि वृद्धि अच्छी है, महंगाई भी कम होने लगी है और हमें उम्मीद है कि नवंबर-दिसंबर और वित्त वर्ष 2025 की आखिरी तिमाही में इसमें और नरमी आएगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि महंगाई के परिदृश्य में कई जोखिम भी हैं इसलिए समय से पहले किसी भी तरह के कदम से संतुलन बिगड़ सकता है।

दर कटौती की संभावना पर दास ने कहा कि यह आने वाले आंकड़ों और महंगाई की हालत पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में पिछले दो वर्षों से हर दौर के सर्वेक्षण में परिवारों की मुद्रास्फीति की उम्मीद 10 से 20 आधार अंक तक कम हो रही है। इस बीच, दास ने बैंकिंग क्षेत्र में किसी भी प्रणालीगत जोखिम से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, बैंकिंग क्षेत्र और गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र प्रणाली के स्तर पर काफी मजबूत बना हुआ है।’

मगर दास ने कहा उल्लेख किया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने लघु वित्त क्षेत्र में कई सारे मसलों की पहचान की है। साल 2022 में रिजर्व बैंक ने लघु वित्त ऋण के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें ब्याज दरों को नियंत्रण मुक्त किया गया था। इस महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने चार गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों- आशीर्वाद माइक्रोफाइनैंस, आरोहण फाइनैंशियल सर्विसेज, डीएमआई फाइनैंस और नावी फिनसर्व के लिए लेनदारों के लिए लगाए गए अत्यधिक ब्याज दरों का हवाला देते हुए ऋण स्वीकृत करने और ऋण देने पर रोक लगा दिया था।

First Published - October 28, 2024 | 9:40 PM IST

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