facebookmetapixel
Veg and Non veg thali price: अगस्त में महंगी शाकाहारी और मांसाहारी थालीफिर से दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत-चीन का होगा दबदबा! अमेरिका को मिलेगी टक्कर?त्योहारी सीजन से पहले Audi India ने दी गुड न्यूज! ₹7.8 लाख तक घटा दी कीमतें, चेक करें नई रेट लिस्टGST 2.0 में कॉम्पेंसेशन सेस हटने से डीलर्स को बड़ा नुकसान होने का खतरा, पूर्व ICAI अध्यक्ष ने सुझाया समाधानMotilal Oswal ने इस हफ्ते के लिए चुना ये धाकड़ स्टॉक, टेक्निकल चार्ट पर दे रहा पॉजिटिव संकेत; जानें टारगेट और स्टॉपलॉसCancer Vaccine: रूस ने पेश की EnteroMix कैंसर वैक्सीन, प्रारंभिक परीक्षण में 100% सफलताMutual Fund: पोर्टफोलियो बनाने में उलझन? Sharekhan ने पेश किया मॉडल; देखें आपके लिए कौन-सा सही?Gold, Silver price today: सोना हुआ सस्ता, चांदी भी तेज शुरुआत के बाद लुढ़की; चेक करें आज का भावकानपुर को स्मार्ट सिटी बनाए सरकार, बंद फैक्ट्रियों का भी आवासीय प्रोजेक्ट में हो इस्तेमाल – उद्योग जगत की योगी सरकार से डिमांडCement company ने बदल दी रिकॉर्ड डेट, अब इस तारीख को खरीदें शेयर और पाएं कैश रिवॉर्ड

निर्यात के रफ्तार में आई पिछले तीन साल की सबसे बड़ी कमी

Last Updated- April 13, 2023 | 10:12 PM IST
Cathay Cargo

भारत से मार्च में हुए निर्यात की रफ्तार लगभग तीन वर्षों में सबसे कम रही। उस महीने देश का निर्यात 13.9 फीसदी घटकर 38.38 अरब डॉलर रह गया। भू-राजनीतिक व्यवधान और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के कारण विदेशी मांग घट गई, जिससे निर्यात प्रभावित हुआ। मई 2020 में कोरोनावायरस महामारी के कारण भारत का निर्यात 34.6 फीसदी घट गया था।

हालांकि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 में कुल वस्तु निर्यात 6 फीसदी बढ़कर 446.47 अरब डॉलर हो गया। इसे मुख्य तौर पर वित्त वर्ष 2023 के पहले छह महीनों में जबरदस्त वृद्धि से बल मिला। ऊंची मुद्रास्फीति के कारण विकसित अर्थव्यवस्थाओं से मांग कम हो गई, मौद्रिक नीति में सख्ती आ और जिंस के दाम गिर गए। इन वैश्विक चुनौतियों का असर अक्टूबर के बाद दिखने लगा था।

मार्च में वस्तुओं का आयात 7.89 फीसदी घटकर 58.11 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान उर्वरक, कोयला, पेट्रोलियम उत्पादों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के भी आयात में कमी दर्ज की गई। आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 के दौरान कुल आयात 16.5 फीसदी बढ़कर 714 अरब डॉलर हो गया।

इन सबके बीच मार्च में व्यापार घाटा बढ़कर तीन महीनों के सबसे बड़े आंकड़े 19.73 अरब डॉलर पर पहुंच गया। कुल व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2022 के 191 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 267 अरब डॉलर हो गया।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आगे चलकर निर्यात में वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ सकती है क्योंकि वै​श्विक मांग में नरमी बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा, ‘रुपया कमजोर होने के बजाय मजबूत होने के आसार दिख रहे हैं। इससे मुद्रा का फायदा भी कम होगा। आयात संभवत: स्थिर रहेगा जिससे चालू खाते का घाटा बढ़ सकता है। मगर यह काफी हद तक तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा।’

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री एवं शोध प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत से वस्तुओं के निर्यात में कमी से विनिर्माण क्षेत्र पर असर होगा। नायर के अनुसार इससे देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े भी कमजोर रह सकते हैं।

मार्च में 30 क्षेत्रों में 17 में वस्तुओं का निर्यात कमजोर रहा। इस अवधि के दौरान जिन प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में कमी आई उनमें पेट्रोलियम उत्पाद (-44.59 प्रतिशत), प्लास्टिक एवं लाइनोलियम (-16.23 प्रतिशत), रत्न एवं आभूषण (-21.64 प्रतिशत), इंजीनियरिंग वस्तु (-0.16 प्रतिशत) और कपास के धागे (-17.86 प्रतिशत) शामिल रहीं। जिन क्षेत्रों में निर्यात इजाफा देखा गया उनमें इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं (69.84 प्रतिशत) और दवा आदि (12.45 प्रतिशत) शामिल रहे।

वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि भारत में वस्तुओं के आयात में चीन की हिस्सेदारी एक साल पहले के 15.43 प्रतिशत की तुलना में कम होकर वर्ष 2022-23 में 13.79 प्रतिशत कम हो गई। इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का आयात 2022-23 में (अप्रैल-फरवरी) पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 2 अरब डॉलर कम रहने से कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी कम रही।

First Published - April 13, 2023 | 10:12 PM IST

संबंधित पोस्ट