मंदी के बावजूद भारत में कर्मचारियों के पेट पर लात न मारने का भारतीय कारोबारी जगत का जज्बा भारत आर्थिक सम्मेलन के दूसरे दिन भी नजर आया।
इसके तहत सॉफ्टवेयर क्षेत्र की महारथी कंपनी इन्फोसिस ने तो न सिर्फ कर्मचारियों को बरकरार रखने का भरोसा दिलाया बल्कि इस साल 25,000 नई नौकरियां भी मुहैया कराने की खुशखबरी सुनाई। यही नहीं, कंपनी ने यह भी बताया कि मंदी के इस दौर में विस्तार योजनाओं के उसके हौसले में भी कोई कमी नहीं आई है।
कंपनी के सीईओ क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा- अपने कारोबारी विस्तार की योजनाओं के तहत इन्फोसिस यूरोप और जापान में अधिग्रहण की संभावनाओं की तलाश कर रही है। इस इरादे को पूरा करने के लिए एक टीम बनाई जा रही है।
उसके अलावा, सम्मेलन में नेटवर्किंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सिस्को सिस्टम्ज ने यह जरूर माना कि वैश्विक वित्तीय उथल-पुथल के चलते उसने कंपनी में नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है लेकिन किसी भी तरह की छंटनी की संभावना को उसने सिरे से खारिज कर दिया। छंटनी की बजाय कंपनी लागत मूल्यों में कमी के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। कंपनी का इरादा अपने लागत मूल्य में लगभग दो अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती करने का है।
हालांकि इस आशावादी रवैये के साथ-साथ सम्मेलन में मंदी को लेकर भारतीय कारोबारी जगत के माथे पर चिंता की लकीरें भी दिखाई दीं। इस्पात इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में उसे अपने बिक्री मूल्य में 25 फीसदी की गिरावट की आशंका है।
कंपनी के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विनोद मित्तल ने बताया- हम मंदी से प्रभावित हुए हैं। नवंबर में कंपनी ने अपने उत्पादन में 30 फीसदी की कटौती की है, जिसे दिसंबर में बढ़ाकर 40 फीसदी तक किया जाएगा।
भारत आर्थिक सम्मेलन
यूरोप और जापान में अधिग्रहण की संभावनाएं तलाश रही इन्फोसिस
सिस्को सिस्टम्ज ने नियुक्ति पर रोक लगाई लेकिन छंटनी की संभावना खारिज की
इस्पात इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने बिक्री मूल्य में 25 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई