बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के एक फैसले को पलट दिया। हाईकोर्ट ने बेंगलूरु स्थित ऑनलाइन गेमिंग कंपनी Gameskraft टेक्नोलॉजीज को जारी 20,989 करोड़ रुपये का नोटिस रद्द कर दिया था। यह नोटिस कंपनी पर GST चोरी के आरोप से संबंधित था। CNBC-TV18 के अनुसार, शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले में कई पहलू हैं जिन पर आगे की जांच या विचार की जरूरत है।
हाईकोर्ट ने इसी साल मई में GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (Directorate General of GST Intelligence) के ऑर्डर को रद्द कर दिया था। अधिकारियों ने शुरुआत में यह ऑर्डर पिछले साल सितंबर में जारी किया था। ऑर्डर में Gameskraft पर 2017 से 30 जून, 2022 के बीच 21,000 करोड़ रुपये के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के भुगतान न करने का आरोप लगाया गया था।
अधिकारियों ने दावा किया कि Gameskraft ने ग्राहकों को ऑनलाइन गेम पर पैसा लगाने की अनुमति दी, मूल रूप से Rummyculture, Gamezy और Rummytime जैसे गेम के माध्यम से ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया। परिणामस्वरूप, उन्होंने कंपनी के माध्यम से लगाए गए लगभग 77,000 करोड़ रुपये के दांव पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाया, जो आमतौर पर लक या सट्टेबाजी से जुड़े गेम पर लागू होता है।
अधिकारियों ने कहा कि Gameskraft ग्राहकों को सट्टेबाजी के लिए पुश कर रहा था क्योंकि एक बार पैसे उनके वॉलेट में डालने के बाद, इसे वापस पाने का कोई तरीका नहीं था। जून में राजस्व विभाग ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का फैसला किया।
चर्चा की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने तब बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया था, “कानूनी टीम ने अगले कदम के लिए उच्च न्यायालय के फैसले की सावधानीपूर्वक समीक्षा की है। विभाग का मानना है कि व्यापक जांच के बाद नोटिस जारी किया गया है। इसलिए विभाग जल्द ही हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा।”
बुधवार को शीर्ष अदालत ने Gameskraft को केंद्र सरकार के अनुरोध पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। केंद्र की याचिका पर तीन हफ्ते में सुनवाई होगी।