वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे को लेकर विवादों के बीच बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जिन राज्यों ने उधारी लेने के केंद्र सरकार की ओर से दिए गए दो विकल्पों में से एक विकल्प चुन लिया है, उनको धन देने की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि केंद्र के प्रस्ताव से असहमत राज्यों के साथ बातचीत जारी रखी जानी चाहिए। केरल के वित्त मंत्री ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार अपने दो प्रस्तावों पर अड़ी रहती है तो जीएसटी परिषद में मतदान हो सकता है, उसके बाद मोदी का यह बयान आया है। भाजपा शासित कम से कम 7 राज्यों ने आधिकारिक रूप से मुआवजे के दो विकल्पों में से एक विकल्प चुन लिया है, जिसका प्रस्ताव केंद्र सरकार ने किया था। मोदी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि आगे बातचीत जारी रखे जाने से राज्यों को मुआवजा मिलने में और देरी होगी।
जीएसटी की 19 सितंबर को होने वाली आगामी बैठक में असहमत या विपक्ष शासित राज्य इस विवाद पर मतदान पर जोर दे सकते हैं, जबकि भाजपा शासित दलों का जोर धन जारी किए जाने को लेकर रहेगा, जिससे चालू वित्त वर्ष में आए राजकोषीय दबाव के तूफान को कम किया जा सके। बिहार, गुजरात, कर्नाटक, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश ने आरबीआई विंडो का विकल्प चुना है, वहीं मणिपुर और सिक्किम ने बाजार उधारी का विकल्प अपनाया है।