सितंबर महीने में भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 10 महीने के निचले स्तर पर रही है। शुक्रवार को जारी एक निजी कारोबारी सर्वे से पता चलता है कि नए कारोबार, अंतरराष्ट्रीय बिक्री और उत्पादन में सुस्ती रही और यह 2023 के आखिर की तुलना में सबसे कम दर से बढ़ा है।
एचएसबीसी द्वारा जारी और एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित समग्र पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में घटकर 57.7 पर आ गया, जो अगस्त में 60.9 पर था। बहरहाल सूचकांक लगातार 38वें महीने तटस्थ 50 अंक के ऊपर बना हुआ है। 50 से ऊपर प्रसार और इससे नीचे संकुचन को दिखाता है।
सर्वे में कहा गया है, ‘सितंबर के प्रमुख सकारात्मक पहलुओं में रोजगार का ठोस सृजन, कारोबारी विश्वास में बढ़ोतरी और ढाई साल में बिक्री मूल्य में सबसे सुस्त वृद्धि शामिल है। ’सर्वे में शामिल कुछ लोगों ने उत्पादन में वृद्धि का श्रेय नए कारोबारी लाभ, सकारात्मक मांग के रुझान और प्रौद्योगिकी में निवेश को दिया है, लेकिन यह भी कहा कि कड़ी प्रतिस्पर्धा, लागत दबाव और उपभोक्ता वरीयता में बदलाव (अर्थात ऑनलाइन सेवाओं की ओर रुख) के कारण इस पर लगाम लगी है। इसी तरह से दूसरी वित्तीय तिमाही के आखिर में नई कारोबारी गतिविधियां बढ़ी हैं, लेकिन इसकी रफ्तार 10 माह में सबसे सुस्त हैं।