प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने राज्य सरकारों द्वारा संचालित लगभग 1,600 सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) की ऑडिटिंग के लिए एक अलग वर्टिकल (विशेष इकाई) की स्थापना की है। इस कदम का उद्देश्य ऑडिट प्रक्रिया को तेज करना, सार्वजनिक उपक्रमों की दक्षता बढ़ाना और डेटा का केंद्रीकरण सुनिश्चित करना है।
CAG के डिप्टी केएस सुब्रमण्यम (HR, IR, समन्वय और विधिक) ने बताया, “हाल ही में एक अलग वर्टिकल बनाया गया है और इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। इस वर्टिकल के माध्यम से एक ही स्थान पर उस राज्य के पीएसयू की ऑडिटिंग की जाएगी।”
अब तक राज्य पीएसयू की ऑडिटिंग वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाती थी, जिन्हें 4–5 राज्यों की जिम्मेदारी एक साथ निभानी पड़ती थी। इससे ऑडिटिंग में देरी होती थी। नया वर्टिकल इस समस्या को दूर करेगा।
डिप्टी CAG ए एम बजाज ने कहा, “अलग वर्टिकल से सभी राज्य पीएसयू की जानकारी का केंद्रीकरण संभव होगा, जिससे हितधारकों के लिए तुलनात्मक विश्लेषण आसान हो जाएगा।”
उन्होंने बताया कि देशभर में वर्तमान में:
डिजिटल परिवर्तन के साथ, CAG कार्यालय अब रिमोट ऑडिटिंग की दिशा में काम कर रहा है ताकि पारदर्शिता, गति और सहयोग को बढ़ाया जा सके।
बजाज ने बताया कि वाउचर वेरिफिकेशन में जनरेटिव AI और OCR तकनीक को शामिल किया जा रहा है, जिससे त्रुटियों में कमी आएगी और सटीकता बढ़ेगी। IDEA और Tableau जैसे टूल्स से संचालित स्टैंडर्डाइज्ड रिस्क असेसमेंट मॉडल, डेटा आधारित और जोखिम-केंद्रित ऑडिट प्लानिंग को देशभर में लागू करने में मदद करेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि GST, स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन और पब्लिक वर्क्स विभाग की रिमोट/हाइब्रिड ऑडिटिंग के शुरुआती प्रयास बेहद सफल रहे हैं और इन्हें अब राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से लागू किया जा रहा है।
हाल ही में CAG द्वारा 30 शहरों में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) फर्म्स की नियुक्ति की योजना पर कुछ आपत्तियाँ सामने आई थीं। सीपीएम सांसद एस वेंकटेशन (मदुरै) ने 3 जून को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस कदम का विरोध किया, इसे CAG की स्वतंत्रता और संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ बताया।
इस पर जवाब देते हुए बजाज ने कहा, “स्वायत्त निकायों की संख्या और जटिलता बहुत बढ़ गई है। हर साल ऑडिट होता है, लेकिन विशेषज्ञों की जरूरत को देखते हुए CA फर्म्स को CAG की टीम के साथ जोड़ा जा रहा है। यह प्रक्रिया की गुणवत्ता को और मजबूत करेगी, न कि CAG की स्वायत्तता को कमजोर।”
बजाज ने बताया कि सितंबर 2025 में राज्य वित्त सचिवों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जहां हाइब्रिड ऑडिट, डिजिटलीकरण, और नवाचार आधारित ऑडिट प्रक्रिया प्रमुख एजेंडा बिंदुओं में शामिल होंगे।
CAG की यह पहल, जिसमें पारंपरिक प्रणाली को डिजिटल और AI आधारित ऑडिट मॉडल में रूपांतरित किया जा रहा है, भारत की सार्वजनिक वित्तीय जवाबदेही को नई दिशा दे सकती है। राज्य पीएसयू के लिए अलग वर्टिकल न केवल समय की बचत करेगा बल्कि राज्य स्तर पर नीति निर्माताओं को बेहतर डेटा एनालिटिक्स और निर्णय लेने में मदद भी देगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
Voltas- तुर्किए की कंपनी के JV ने किया कमाल; घाटा कम, राजस्व बढ़ा