भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को आयोजित सात-दिवसीय परिवर्तनीय रिवर्स रीपो दर (वीआरआरआर) नीलामी के बाद एक दिन (ओवरनाइट) के लिए पूंजी बाजार की दरें बढ़ गईं। भारित औसत कॉल दर (डब्ल्यूएसीआर) या औसत ब्याज दर जिस पर बैंक एक दिन के लिए विभिन्न बैंक बाजार में एक-दूसरे को उधार देते-लेते हैं, वह 5.5 प्रतिशत की रीपो दर के करीब पहुंच गई और 5.38 प्रतिशत पर बंद हुई जबकि पिछले दिन यह 5.27 प्रतिशत पर थी। भारित औसत ओवरनाइट ट्रेजरी बिल/रीपो दर (ट्रेप) गुरुवार को 5.24 प्रतिशत के मुकाबले 5.42 प्रतिशत पर बंद हुई।
इस बीच रुपये में दो वर्षों से अधिक समय में यानी 13 जनवरी 2023 के बाद से रुपये में सबसे अधिक साप्ताहिक बढ़त दर्ज की गई।
वीआरआरआर नीलामी का मकसद ओवरनाइट दरों को रीपो दर के करीब लाना था। बैंकिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण अधिशेष नकदी के कारण ये दरें नीतिगत रीपो दर से काफी नीचे चल रही थीं। आरबीआई को वीआरआरआर नीलामी में 1 लाख करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि के मुकाबले 84,975 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। पूंजी बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि बोलियों की राशि उम्मीद से कम थी। एक सरकारी बैंक के कॉल डीलर ने बताया, ‘आज शुक्रवार और तिमाही का अंत होने के कारण बोलियां कम थीं। साथ ही, यह लंबी अवधि का वीआरआरआर था इसलिए बोली कम रही।’
Also Read: वित्त मंत्रालय ने दी चेतावनी: महंगाई के ऊपरी जोखिम से नजरें न हटाएं, भारत के लिए सतर्क रहने का समय
केंद्रीय बैंक ने 5.49 प्रतिशत की कट-ऑफ दर पर राशि स्वीकार की। डीलरों ने कहा कि वीआरआरआर नीलामी का उद्देश्य ओवरनाइट दरों को रीपो दर के अनुरूप लाना था, जो रीपो दर से काफी नीचे बनी हुई है और महीने की शुरुआत में सरकारी खर्च के साथ और कम हो सकती थी। रीपो दर फिलहाल 5.50 प्रतिशत है।
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को बैंकिंग प्रणाली में शुद्ध नकदी बतौर अधिशेष 2.78 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं दूसरी ओर, नए तीन के साल के सरकारी बॉन्ड पर कूपन साप्ताहिक नीलामी में 5.91 प्रतिशत निर्धारित किया गया, जो बाजार की उम्मीद से बेहतर था। हालांकि डीलरों के मुताबिक 10-साल के बॉन्ड पर कट-ऑफ कीमत उम्मीद से कम थी जिससे द्वितीयक बाजार में बिकवाली हुई।
नीलामी के परिणाम आने के बाद बेंचमार्क 10-साल के सरकारी बॉन्ड पर यील्ड 3 आधार अंक बढ़कर 6.40 प्रतिशत पर बंद हुई जबकि पिछले दिन यह 6.37 प्रतिशत पर थी।
Also Read: SEBI ने RPT के लिए कंपनियों की सूचना प्रक्रिया में किया बदलाव, बढ़ेगी पारदर्शिता और जवाबदेही
बाजार प्रतिभागियों ने कहा कि 6.33 प्रतिशत 2035 सरकारी बॉन्ड अगले सप्ताह से देश का नया 10-साल का बेंचमार्क बॉन्ड बनने के लिए तैयार है, जो 6.79 प्रतिशत 2034 बॉन्ड की जगह लेगा। शुक्रवार को हुई नीलामी के साथ, 2035 बॉन्ड पर बकाया राशि अब 90,000 करोड़ रुपये हो गई है।
एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘तीन साल का कूपन हमारी उम्मीद से बेहतर था, लेकिन 10 साल पर कट-ऑफ कीमत 7-8 पैसे कम थी। यही वजह है कि परिणाम आने के बाद हमने कुछ बिकवाली देखी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अब 2035 बॉन्ड (नया 10 वर्षीय बॉन्ड) के बेंचमार्क बनने का समय आ गया है क्योंकि बकाया राशि अब 90,000 करोड़ रुपये है, ऐसे में नकदी में अब सुधार होना चाहिए, और इसे अगले सप्ताह से बेंचमार्क के रूप में दिखना चाहिए।’