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RBI MPC Meeting: रेपो रेट में 0.50% कटौती का ऐलान, RBI गवर्नर ने लगातार तीसरी बार घटाई ब्याज दरें

RBI MPC MEET: केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) को 50 बेसिस पॉइंट्स घटाने का फैसला किया है। इसी के साथ रेपो रेट घटकर 5.50% पर आ गई है।

Last Updated- June 06, 2025 | 12:46 PM IST
RBI Governor Sanjay Malhotra

RBI MPC Meet Outcome today: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार (6 जून) को वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया। पॉलिसी जारी करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) ने रेपो रेट (Repo Rate) को 50 बेसिस पॉइंट्स (0.50%) कटौती की घोषणा कर दी। इसी के साथ रेपो रेट घटकर 5.50% पर आ गई है। कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) 4 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया गया है। आरबीआई ने पॉ​लिसी रूख ‘अकोमडटिव’ से बदलकर ‘न्यूट्रल’ किया। इससे पहले, फरवरी 2025 और अप्रैल 2025 में रेपो रेट में 0.25%-0.25% की कटौती की गई थी, जिसके बाद ये घटकर 6.00% पर पहुंच गया था। ब्‍याज दरों में कटौती का असर आम लोगों की रिटेल लोन (Home Loan, Auto Loan…) की मंथली किस्त (EMI) पर पड़ेगा।

इसी के साथ आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। वहीं, चालू वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर के अनुमान को 4 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया गया है।

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RBI MPC MEET: गवर्नर मल्होत्रा ने क्या कहा?

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor) ने कहा कि एमपीसी ने लिक्विडिटी एडजस्टमेंट सुविधा के तहत पॉलिसी रेपो रेट को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.5% करने का फैसला किया है। यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इसके साथ ही स्थायी जमा सुविधा (STF) दर 5.25% पर समायोजित हो जाएगी। मार्जिनल स्टेंडिंग फैसिलिटी (MSF) दर और बैंक दर 5.75% पर समायोजित हो जाएगी।

गवर्नर ने ब्याज दरों पर फैसला सुनाते हुए कहा, ”वैश्विक अर्थव्यवस्था नाजुक बनी हुई है। वैश्विक चिंताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती, स्थिरता और अवसर प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेज गति से बढ़ रही है। हम अपने विकसित भारत के विजन को और भी तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था निवेशकों को अपार अवसर प्रदान करती है।”

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RBI MPC Meet: CRR में 1% की कटौती

RBI गवर्नर ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 100 बीपीएस (1%) की कटौती का ऐलान किया। इसके बाद सीआरआर की दर 4 फीसदी से घटकर 3 फीसदी पर आ गई। इस कटौती से सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपये की लि​क्विडिटी बढ़ेगी। सीआरआर में कटौती से बैंकों के फंड की लागत में कमी आएगी।

RBI MPC Meet: नीति के रुख को ‘अकोमडेटिव’ से बदलकर ‘न्यूट्रल किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति के रुख को ‘अकोमडेटिव’ से बदलकर ‘न्यूट्रल’ कर दिया है। वैश्विक स्तर पर टैरिफ संबंधी चिंताओं के टलने से अनिश्चितताएं कुछ कम हुई हैं। देश के एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री प्रोडक्शन में मजबूती बनी हुई है, जबकि प्राइवेट कंजम्प्शन यानी निजी खपत में भी तेजी देखी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में मांग में सुधार के संकेत मिले हैं और निवेश की रफ्तार में भी बढ़त देखने को मिल रही है। सर्विस सेक्टर में उल्लेखनीय तेजी बनी हुई है, हालांकि निर्यात के मोर्चे पर अब भी चिंता बरकरार है।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती पहले से तय मानी जा रही थी। ,लेकिन आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्यों ने 50 बेसिस पॉइंट की बड़ी कटौती का समर्थन किया। साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 100 बेसिस पॉइंट की कमी की है। इससे ब्याज दरों में कटौती का असर तेजी से आर्थिक प्रणाली में पहुंच सकेगा।

उन्होंने कहा कि अप्रैल में MPC की पिछली समीक्षा के बाद से रिटेल महंगाई अपेक्षा से कम बनी हुई है। जबकि वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण वृद्धि में जोखिम बना हुआ है। यह वृद्धि-मुद्रास्फीति की दुविधा MPC को आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करती है। वहीं, MPC के रुख में बदलाव को न्यूट्रल करना यह दर्शाता है कि दरों में कटौती को अग्रिम रूप से लागू किया गया है। इसके बाद निर्णय डेटा पर आधारित होंगे।

First Published - June 6, 2025 | 10:08 AM IST

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