facebookmetapixel
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदीउत्तराखंड आर्थिक मोर्चे पर तो अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन पारिस्थितिक चिंताएं अभी भी मौजूद

RBI MPC Meet: रिजर्व बैंक फिर सस्ता करेगा कर्ज? एनॉलिस्ट्स ने बताया- RBI क्यों Repo Rate में 25bps की कर सकता है कटौती

फरवरी 2025 में हेडलाइन महंगाई दर सालाना आधार पर 3.6% रही, जो कि लक्षित स्तर से नीचे है—इससे RBI को दरों में कटौती के लिए पर्याप्त गुंजाइश मिलती है।

Last Updated- April 08, 2025 | 10:23 AM IST
Reserve Bank of India Offline Digital Rupee

RBI MPC Meet: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक सोमवार, 7 अप्रैल से शुरू हुई। यह बैठक चालू वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की पहली समीक्षा बैठक है। केंद्रीय बैंक बुधवार, 9 अप्रैल को MPC बैठक के नतीजों का ऐलान करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा लगाए गए ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ के बीच ऐसी उम्मीद है कि नीतिगत रीपो रेट (Repo Rate) में 25 आधार अंकों की और कटौती संभव है। हालांकि इससे ज्यादा कटौती की संभावना भी दिख रही है। इस बीच ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस नुवामा (Nuvama) ने भी रीपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती का अनुमान जताया है।

Repo Rate में 25 bps की कटौती संभव- नुवामा

ब्रोकरेज हाउस नुवामा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में MPC रीपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकती है और मौद्रिक रुख को “तटस्थ” (neutral) से बदलकर “अनुकूल” (accommodative) कर सकती है।” नुवामा ने आगे कहा कि ग्लोबल ट्रेड वॉर के बीच दुनियाभर में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ने के जोखिम बढ़ रहे हैं, जिससे देश के भीतर पहले से ही कमजोर मांग की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

Also read: PM Mudra Yojana: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में किशोर लोन का औसत घटा, शिशु और तरुण में इजाफा

महंगाई दर काबू में

नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फरवरी 2025 में हेडलाइन महंगाई दर सालाना आधार पर 3.6% रही, जो कि लक्षित स्तर से नीचे है—इससे RBI को दरों में कटौती के लिए पर्याप्त गुंजाइश मिलती है। साथ ही, G7 देशों में बॉन्ड यील्ड्स में नरमी से भी नीति निर्माताओं को अतिरिक्त सहारा मिलेगा।

इस संदर्भ में, हाल ही में RBI द्वारा तरलता (liquidity) की सप्लाई और नियामकीय प्रतिबंधों में ढील जैसे कदम स्वागतयोग्य हैं, लेकिन इनका असर तभी पूर्ण होगा जब इन्हें दरों में कटौती के साथ जोड़कर लागू किया जाए, ताकि घरेलू अर्थव्यवस्था में गिरावट को सीमित किया जा सके। MPC की फॉरवर्ड गाइडेंस (भविष्य के संकेत) पर बाजार की बारीकी से निगाह रहेगी।

RBI से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने आगामी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक को लेकर अपनी राय रखते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि RBI रीपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करेगा और इसे घटाकर 6% तक ला सकता है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है और घरेलू खपत की रफ्तार भी धीमी हो रही है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती की पूरी संभावना बनती है।

बैजल ने यह भी कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में हालिया मजबूती से RBI को दरों में कटौती का अतिरिक्त लचीलापन मिलता है, जिससे बिना बड़े पैमाने पर विदेशी पूंजी के आउटफ्लो के दरों में राहत दी जा सकती है।

Also read: भारत बना iPhone निर्यात का नया हब, ₹1.5 लाख करोड़ के रिकॉर्ड शिपमेंट से दुनियाभर में मचाई धूम

बॉन्ड मार्केट में जारी रखें निवेश

PGIM इंडिया म्युचुअल फंड में फिक्स्ड इनकम के हेड पुनीत पाल ने कहा, “RBI का वर्तमान रुख विकास को समर्थन देने वाला है और उसने तरलता प्रबंधन (liquidity management) को लेकर एक सक्रिय रुख अपनाया है। बॉन्ड बाजारों में उम्मीद है कि आगामी MPC बैठक में केवल दरों में कटौती ही नहीं, बल्कि मौद्रिक नीति रुख में बदलाव कर उसे “अनुकूल” (accommodative) बनाए जाने की संभावना भी है।”

निवेशक शॉर्ट टर्म और कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स में निवेश जारी रख सकते हैं, जिनका पोर्टफोलियो ड्यूरेशन अधिकतम 4 वर्षों तक हो। साथ ही, डायनामिक बॉन्ड फंड्स में शॉर्ट टर्म स्ट्रैटेजी के साथ निवेश किया जा सकता है। निवेश करते समय निवेश का समय 12-18 महीनों का होना चाहिए। 1 वर्ष तक की अवधि वाले मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स का रिटर्न जोखिम और रिवार्ड के दृष्टिकोण से आकर्षक लग रहा है, निवेशक इस सेगमेंट पर भी ध्यान दे सकते हैं। अगले एक महीने के दौरान 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 6.25% से 6.50% के दायरे में रह सकती है।

First Published - April 8, 2025 | 10:23 AM IST

संबंधित पोस्ट