facebookmetapixel
Amazon Now बनाम Blinkit-Swiggy: कौन जीतेगा भारत में Quick Commerce की जंग?Adani Group की यह कंपनी बिहार में करेगी $3 अरब का निवेश, सोमवार को शेयरों पर रखें नजर!Stock Split: अगले हफ्ते तीन कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, निवेशकों को मिलेगा बड़ा फायदा; जानें रिकॉर्ड डेटCBIC ने कारोबारियों को दी राहत, बिक्री के बाद छूट पर नहीं करनी होगी ITC वापसी; जारी किया नया सर्कुलरNepal Crisis: नेपाल में अगला संसदीय चुनाव 5 मार्च 2026 को होगा, राष्ट्रपति ने संसद को किया भंगट्रंप का नया फरमान: नाटो देश रूस से तेल खरीदना बंद करें, चीन पर लगाए 100% टैरिफ, तभी जंग खत्म होगी1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! ऑटो सेक्टर से जुड़ी इस कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट तयElon Musk की कंपनी xAI ने 500 कर्मचारियों को अचानक निकाला, Grok ट्रेनर्स सकते में!भारत-पाक मैच की विज्ञापन दरों में 20% की गिरावट, गेमिंग सेक्टर पर बैन और फेस्टिव सीजन ने बदला बाजारFY26 में 3.2% रहेगी महंगाई, RBI से दर कटौती की उम्मीद: Crisil

जून में खुदरा महंगाई 2.1% पर पहुंची, अक्टूबर या दिसंबर में फिर रीपो रेट में कटौती कर सकता है RBI

महंगाई दर ऐतिहासिक रूप से घटने के बाद आरबीआई पर ब्याज दरों में और कटौती का दबाव बढ़ा है और अर्थशास्त्रियों को अक्टूबर-दिसंबर में राहत की उम्मीद है।

Last Updated- July 15, 2025 | 11:05 PM IST
Reserve Bank of India
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति द्वारा मौद्रिक नीति को और आसान बनाने की संभावना बढ़ गई है। जून में खुदरा मुद्रास्फीति 77 महीने में सबसे कम 2.1 फीसदी रही। ऐसे में अक्टूबर या दिसंबर में रीपो दर में एक और कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि अगस्त की बैठक में भी कटौती की गुंजाइश बन सकती है।

मौजूदा वित्त वर्ष के लिए औसत खुदरा मुद्रास्फीति दर आरबीआई के 3.7 फीसदी के अनुमान से कम रह सकती है, जिससे भी दर कटौती की संभावनाएं बेहतर हुई। जून के आंकड़ों के बाद ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2026 के लिए खुदरा महंगाई के अनुमान को कम कर दिया है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने एक नोट में कहा, ‘संभावित खाद्य मूल्य वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पूरे वित्त वर्ष 2026 में खुदरा मुद्रास्फीति 2.7 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2027 के लिए अनुमान 4 फीसदी है।’

महंगाई दर नरम रहने से दर में जल्द और कटौती की उम्मीद बढ़ी है। भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आ​र्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘आगे मुद्रास्फीति का रुझान भी अनुकूल दिख रहा है और व्यापार संबंधी प्रतिबंधों और अनियमितताओं के बावजूद ऐसा लगता है कि आ​र्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती की गुंजाइश बनी है।’

मौद्रिक नीति समिति ने जून में रीपो दर में 50 आधार अंक की कटौती कर इसे 5.5 फीसदी कर दिया। फरवरी में भी दर में कटौती की गई थी। ऐसे में बाजार का मानना था कि केंद्रीय बैंक अगस्त में कटौती पर विराम लगा सकता है।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘जून में मुद्रास्फीति के अनुमान से कम रहने के बाद वित्त वर्ष 2026 के लिए औसत खुदरा मुद्रास्फीति 3.5 फीसदी से कम हो सकती है। इससे अगस्त में रीपो में एक और कटौती की गुंजाइश बढ़ गई है।’

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अगर अगस्त में कटौती नहीं हुई तो केंद्रीय बैंक मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में दर में कटौती करेगा।

नोमूरा के अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘अगस्त में दर कटौती टल सकती है मगर हमें अक्टूबर और दिसंबर 25-25 आधार अंक की कटौती की उम्मीद है। इससे रीपो दर घटकर 5 फीसदी रह जाएगी।’

बार्कलेज के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि जून में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े कम रहने और जुलाई में और इसके और घटने से आरबीआई दर में अतिरिक्त कटौती कर सकता है। मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा 4 से 6 अगस्त को होनी है। 

First Published - July 15, 2025 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट