फिनटेक सेक्टर के स्व-नियामकीय संगठनों (SRO-एफटी) के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के मसौदा मानकों में प्रस्ताव किया गया है कि ऐसी इकाइयों का आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर शानदार होना चाहिए। साथ ही एक उचित समय सीमा में इनकी तकनीकी सॉल्यूशंस लागू करने की क्षमता होनी चाहिए।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि इस तरह की इकाइयों के आवेदकों की पर्याप्त हैसियत और आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित करने की क्षमता होनी चाहिए, जिससे ये SRO-एफटी के दायित्वों को प्रभावी तरीके से निरंतर पूरा कर सकें।
सोमवार को जारी मसौदा मानकों में कहा गया है कि SRO-एफटी को फिनटेक सेक्टर के टिकाऊ और स्वस्थ विकास की दिशा में काम करना चाहिए और अगर जरूरत पड़े तो चरणबद्ध तरीके से नियामकीय अनुपालन के लिए आसान मार्ग की पहचान करनी चाहिए।
यह कहा गया है कि SRO को अपने सदस्यों को नियामकीय प्राथमिकताओं को ध्यान रखने और अनुपालन की संस्कृति विकसित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। मसौदा ढांचे में कहा गया है कि विश्वसनीयता बरकरार रखने के लिए SRO-एफटी का स्वतंत्र परिचालन होना चाहिए और किसी एक सदस्य या सदस्यों के समूह के प्रभाव से मुक्त रहना चाहिए।
इसमें कहा गया है, ‘SRO-एफटी को पक्षपातरहित होने, हितों के टकराव से बचने और सदस्यों के बीच पक्षपात रहित दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए। स्वतंत्रता से SRO-एफटी की एक तटस्थ व विश्वसनीय इकाई के रूप में छवि बेहतर होगी। यह उद्योग से जुड़े हिस्सेदारों और नियामकों दोनों का भरोसा हासिल करने के लिए अहम है।’
इसमें जोर दिया गया कि SRO-एफटी को अपने सदस्यों को नियामकीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए प्रेरित करने में सक्षम होना चाहिए और अनुपालन की संस्कृति विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
इसमें कहा गया है, ‘SRO-एफटी को नियामकीय संवाद में सक्रियता से हिस्सेदारी लेकर नियामकीय वातावरण को आकार देने में मदद देनी चाहिए। यह नवोन्मेष के लिए सकारात्मक माहौल बनाता है, साथ ही ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।’