अर्थव्यवस्था में नए सिरे से सुधार के संकेत दिखाई दिए क्योंकि देश के बड़े हिस्से में दीवाली को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। आर्थिक गतिविधियों से जुड़े कई साप्ताहिक संकेतकों में वृद्धि देखी गई और ज्यादा माल ले जाने वाली गाडिय़ों में वृद्धि देखी गई। वैश्विक स्तर पर विश्लेषक आर्थिक गतिविधियों का अंदाजा लेने के लिए कुछ संकेतकों पर गौर करते हैं ताकि कोविड-19 महामारी के बीच जमीन पर तेजी से बदलती स्थिति का जायजा लिया जा सके।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने यातायात की मात्रा, प्रदूषण के स्तर, बिजली उत्पादन के अलावा रेल की गतिविधियों से जुड़े आंकड़े और सर्च इंजन गूगल के आंकड़े भी देखे हैं। ये आंकड़े आधिकारिक आंकड़ों के जारी होने से पहले ही अर्थव्यवस्था की मौजूदा तस्वीर का अंदाजा देते हैं। ज्यादातर आंकड़े रविवार 8 नवंबर के हैं। गूगल का मोबिलिटी डेटा एक अंतराल के बाद आता है। इसका ताजा आंकड़ा 3 नवंबर का है।
भारतीय रेलवे ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रविवार को समाप्त हुए सात दिनों में 13.2 फीसदी अधिक माल ढुलाई की। पिछले सप्ताह यह आंकड़ा 4.4 फीसदी था। इसने इन वस्तुओं की माल ढुलाई से 2019 की तुलना में 6.2 फीसदी अधिक पूंजी बनाई जबकि पिछले सप्ताह इसमें 8.2 फीसदी की गिरावट देखी गई थी ।
गूगल की मोबिलिटी रिपोर्ट से पता चला है कि रिटेल और मनोरंजन स्थलों का दौरा 70.14 फीसदी के सामान्य स्तर पर था। यह मार्च में घोषित लॉकडाउन के बाद से देखे गए उच्चतम स्तर से मेल खाता है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में भी ऐसा ही स्तर देखने को मिला था। सर्च इंजन अनाम स्थान के डेटा का इस्तेमाल करता है ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि महामारी के दौरान लोगों की गतिविधि कैसी है। यह इजाफा दीवाली के साथ मेल खाता है जो आमतौर पर बिक्री के लिए अच्छा समय माना जाता है। 10 दिन पहले की तुलना में कार्यस्थल पर भी ज्यादा लोग जा रहे थे।
दिल्ली में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 2019 की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक रहा। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों से प्रदूषण का जायजा लिया है। बांद्रा इलाके के आंकड़ों के आधार पर अंदाजा मिला कि मुंबई के उत्सर्जन में 2019 के स्तर से 98.3 प्रतिशत की गिरावट है।
2019 में इसी अवधि के आंकड़ों के मुकाबले बिजली उत्पादन के आंकड़े में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। पिछले सप्ताह में इसमें और भी बढ़त देखी गई जब ये आंकड़े पिछले साल की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक हो गए। लॉकडाउन की सख्ती के दौरान इसमें लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट आई थी क्योंकि कारखाने और कार्यालय बंद कर दिए गए थे।
