भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष आर दिनेश ने असित रंजन मिश्र और शिवा राजौरा के साथ बातचीत में कहा कि भारत की वृद्धि की संभावनाएं बेहतर हो गई हैं और लगातार तीन तिमाहियों में क्षमता उपयोग 70 से 90 फीसदी तक पहुंचने के साथ निजी निवेश भी फिर से बढ़ने के लिए तैयार है। मुख्य अंशः
अपने कार्यकाल की शुरुआत में मैंने अनुमान लगाया था कि भारत की वृद्धि दर 6.5 से 6.7 फीसदी के बीच रहेगी मगर अब पहली छमाही के बाद मैं इसे बढ़ाकर 6.8 फीसदी करने के लिए आश्वस्त हूं। अगले वर्ष के लिए, भारत की वृद्धि दर 7 फीसदी होगी, हालांकि साल खत्म होते-होते तक इसकी पुष्टि की जाएगी।
निजी निवेश उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ रहा है और ऐसा लगता है कि हम केवल सरकार के पूंजीगत व्यय पर निर्भर हैं।अगर विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता उपयोग को देखें तो यह लगातार तीन तिमाहियों के लिए 75 से 90 फीसदी के बीच है। अब इसे बरकरार तब ही रखा जाएगा जब निजी निवेश आएगा।
दूसरी सबसे महत्त्वपूर्ण बात उस सर्वेक्षण के संबंध में है जो सीआईआई करता है। हमारे अधिकांश सदस्यों ने कहा है कि पहली छमाही की तुलना में वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही सहित अगले 12 महीनों में निजी निवेश बढ़ेगा। मुझे नहीं लगता कि मौजूदा वृद्धि केवल सरकारी पूंजीगत व्यय के कारण आई है। बेशक, सरकारी पूंजीगत व्यय ने बढ़त ले ली है और इसने भारत को एक पसंदीदा स्थान भी बना दिया है।
मैं अगर इसे अलग ढंग से बताता हूं। सीआईआई अध्यक्ष के रूप में न बताते हुए व्यवसायी के रूप में कहूं तो सभी भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए और इस तथ्य पर विचार करते हुए कि हम अभी-अभी वैश्विक महामारी कोविड-19 से उबर रहे हैं। इसमें सभी ने तर्क दिया कि हमें सावधान रहना होगा, हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है।
दुनिया भर में कई ऐसी घटनाएं अचानक हो गई जिनकी आपने कभी योजना भी नहीं बनाई थी। इसलिए वह डर भी हमेशा रहेगा। अब जब हमारे पास तीन चौथाई मजबूत क्षमता उपयोग है तो निजी निवेश बढ़ने की उम्मीद है।