अर्थव्यवस्था

आय, बचत पर फिनटेक से सकारात्मक प्रभाव संभव: सीईए वी अनंत नागेश्वरन

उन्होंने कहा कि फिनटेक उद्योग को उन चुनौतियों को लेकर जागरूक रहना होगा, जिनका असर समाज पर पड़ सकता है।

Published by
अजिंक्या कवाले   
Last Updated- August 08, 2024 | 11:18 PM IST

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि फिनटेक सॉल्यूशंस के विकास से भारत में आय, बचत और संपत्ति सृजन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ सकता है, जिसकी देश की सामाजिक स्थिरता में अहम भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि फिनटेक उद्योग को उन चुनौतियों को लेकर जागरूक रहना होगा, जिनका असर समाज पर पड़ सकता है।

नागेश्वरन ने कहा, ‘उद्योग के हिस्सेदारों को अपने कारोबार के सकारात्मक पहलुओं पर जोर देना चाहिए। साथ ही उन चुनौतियों के प्रति भी जागरूक होना चाहिए, जिनका वित्त और तकनीक के शक्तिशाली संयोजन से सामाजिक स्थिरता पर असर पड़ सकता है और कम और मध्य आय वर्ग के लोग प्रभावित हो सकते हैं।’
नागेश्वरन ने यह बातें मुंबई में फिनटेक पर आयोजित वैश्विक आर्थिक सम्मेलन में वर्चुअल रूप से भाग लेते हुए यह कहीं।

उन्होंने कहा, ‘सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक रूप से वित्तीय साक्षरता कुछ ऐसी चीज है, जिसकी उपयोगिता को सैद्धांतिक रूप से समझा जाता है, लेकिन यह बाजार हिस्सेदारों द्वारा तय किया गया है।’

उन्होंने कहा कि भारत के फिनटेक क्षेत्र में प्रगति ने देश को अन्य देशों के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित किया है। वित्तीय समावेशन में तकनीक का इस्तेमाल, सरकार की सेवाओं को व्यवस्थित करने और वित्तीय क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा देने में भारत में बहुत काम हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘भारत में डिजिटल उधारी का बाजार 2022 में 270 अरब डॉलर का था और 2023 तक बढ़कर 350 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना जताई गई थी। इसी तरह से वेल्थ-टेक बाजार 2030 तक बढ़कर 237 अरब डॉलर होने की संभावना है, जो खुदरा निवेशकों के बढ़ते आधार से संचालित होगा, जिन्हें रोबो एडवाइजर्स और माइक्रो इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्मों ने सक्षम बनाया है।’

फिनटेक क्षेत्र पर ऐसे समय में ध्यान केंद्रित हुआ है, जब भारत में यह लगातार बढ़ रहा है। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के मुताबिक 2024 की पहली छमाही में फिनटेक फर्मों की फंडिंग 79.5 करोड़ डॉलर रहेगी, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.93 अरब डॉलर थी। इस क्षेत्र की बढ़ती नियामकीय निगरानी के बीच ऐसा हो रहा है।

First Published : August 8, 2024 | 11:18 PM IST