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RBI policy: ₹50 लाख का होम लोन? अब बचेंगे ₹15 लाख से ज्यादा, जानें क्या बता रहे हैं एक्सपर्ट

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखी। GST कटौती और ब्याज दरों में गिरावट से घर खरीदने वालों और डेवलपर्स को मिल रही बड़ी राहत।

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सुरभि ग्लोरिया सिंह   
Last Updated- October 01, 2025 | 2:34 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को MPC बैठक के बाद रीपो रेट 5.5% पर बनाए रखने का फैसला किया। इसका मतलब है कि Home Loan लेने वाले और घर बनाने वाले डेवलपर्स को राहत मिली है। हाल ही में GST में कटौती के बाद यह फैसला हाउसिंग सेक्टर के लिए भरोसा बढ़ाने वाला माना जा रहा है। RBI ने अगस्त में भी दरों को अपरिवर्तित रखा था क्योंकि महंगाई में थोड़ी गिरावट दिख रही थी। Bankbazaar के CEO आदिल शेट्टी के अनुसार, “इस साल की शुरुआत से अब तक कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती हुई है, जिसका फायदा अब तक बैंकों के लोन लेने वालों और डिपॉजिटर्स दोनों को मिल चुका है।”

Home Loan लेने वालों को इसका क्या फायदा होगा?

शेट्टी ने बताया कि होम लोन लेने वालों को यह बदलाव साफ नजर आएगा। उन्होंने कहा, “यदि किसी ने 50 लाख रुपए का लोन 20 साल के लिए लिया है और ब्याज दर 8.5% से घटकर 7.5% हो गई है, तो कुल बचत लगभग 7.5 लाख रुपए होगी। अगर EMI पहले जैसी ही रखी जाए, तो बचत 15.4 लाख रुपए तक पहुंच सकती है।” इसके अलावा बैंक अब भी अपनी स्प्रेड स्थिर रख रहे हैं और त्योहारों के समय प्रोसेसिंग फीस पर छूट मिल रही है। शेट्टी ने कहा, “इस समय घर में निवेश करना हाल के सालों में सबसे अच्छा मौका है।”

डेवलपर्स इस स्थिरता को कैसे देख रहे हैं?

Goel Ganga Developments के डायरेक्टर अनुराग गोयल के अनुसार, RBI की स्थिरता और GST कटौती मिलकर हाउसिंग को और सस्ता और आकर्षक बना रही है। PRIME Developments के राघव मल्होत्रा ने कहा कि उपभोक्ता भरोसा बढ़ रहा है और नए इलाकों जैसे गॉल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड, द्वारका एक्सप्रेसवे और फरीदाबाद में हाउसिंग की मांग मजबूत है। Adore Group के फाउंडर जेतेश गुप्ता ने कहा, “इन सब कारणों से लोग रियल एस्टेट मार्केट में अधिक विश्वास दिखा सकते हैं।”

क्या सभी इस फैसले से खुश हैं?

हालांकि, ANAROCK Group के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि स्थिरता से सिर्फ भरोसा बढ़ता है, लेकिन महंगाई कम नहीं होती। नए होम लोन लेने वालों के लिए ब्याज दर अभी भी समान रहेंगी। ANAROCK के डेटा के अनुसार, Q3 2025 में भारत के सात बड़े शहरों में रेसिडेंशियल सेल्स 9% घटकर 97,080 यूनिट रही, लेकिन सेल्स का कुल मूल्य 14% बढ़कर 1.52 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो प्रीमियम और मिड-सेगमेंट घरों की बढ़ती मांग को दिखाता है। GST कटौती से खासकर कम कीमत वाले घरों की खरीद सस्ती होगी। सीमेंट पर GST 28% से घटाकर 18% करने से निर्माण लागत 3-5% तक कम हो सकती है, जिससे घर की कीमत 1-1.5% घट सकती है और खरीदारों को लगभग 1-3 लाख रुपए की बचत हो सकती है।

Home Loan की ब्याज दरों पर स्थिरता का क्या असर होगा?

RBI के डेटा के अनुसार, फरवरी से अक्टूबर 2025 तक नए लोन की औसत ब्याज दर 58 बेसिस पॉइंट कम हुई है। शेट्टी के अनुसार, “अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले लोनर्स को फायदा स्पष्ट रूप से दिख रहा है। जनवरी में 8.4% पर सबसे अच्छी दरें, सितंबर में 7.35% तक आ गई हैं।” 100 बेसिस पॉइंट की गिरावट से 20 साल के लोन पर प्रति लाख 14,935 रुपए की बचत हुई है। अगर ग्राहक EMI नहीं बदलते हैं, तो कुल बचत और भी ज्यादा हो सकती है। त्योहारों के समय प्रोसेसिंग फीस कम या न के बराबर होने और विशेष ब्याज दरों के ऑफर भी फायदे को बढ़ाते हैं।

अब Home Loans लेने वालों को क्या कदम उठाने चाहिए?

शेट्टी ने सलाह दी कि जो लोग अभी भी MCLR या बेस रेट पर लोन ले रहे हैं, उन्हें रीपो-लिंक्ड लोन में स्विच करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्ट पेमेंट करने से कुल ब्याज और लोन की अवधि कम हो सकती है। इसके अलावा, अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा बनाए रखना जरूरी है ताकि बेहतर ऑफर मिल सकें। इसके अलावा, लोनर्स को यह देखना चाहिए कि उनका लोन रीपो-लिंक्ड है या नहीं, बैंकों के बीच दरों की तुलना करनी चाहिए, और यदि ब्याज ज्यादा है तो स्विच करने पर विचार करना चाहिए।

First Published : October 1, 2025 | 2:34 PM IST