प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
अमेरिका और भारत की निजी इक्विटी (पीई) और उद्यम पूंजी (वीसी) फर्मों के एक गठबंधन ने मंगलवार को सेमीकॉन इंडिया 2025 में एक भागीदारी की घोषणा की। पीई/वीसी फर्मों ने डीपटेक कंपनियों में निवेश करने के लिए 1 अरब डॉलर की प्रारंभिक प्रतिबद्धता जताई है। लेकिन ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 से भारत के सेमीकंडक्टर और डीपटेक स्टार्टअप्स में पीई/वीसी फर्मों की कुल फंडिंग सिर्फ 5.5 अरब डॉलर रही है।
2021 से अब तक पीई/वीसी फंडों ने सेमीकंडक्टर और डीपटेक स्टार्टअप्स में 943 से अधिक निवेश राउंड में भाग लिया है। इसमें औसत सौदों का आकार सिर्फ 58 लाख डॉलर है जो उद्योग की जरूरत से बहुत कम है। इस बेमेल स्थिति की वजह से ही वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को यह टिप्पणी करनी पड़ी कि जहां भारतीय स्टार्टअप कंपनियां ‘फैंसी आइसक्रीम’ बेचने में व्यस्त हैं, वहीं चीन में उनकी समकक्ष कंपनियां एआई और सेमीकंडक्टर पर बड़ा दांव लगाकर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही हैं।
सालाना आधार पर आंकड़े स्पष्ट रूप से गिरावट दर्शा रहे हैं। सेमीकंडक्टर (चिप निर्माण और चिप डिजाइन समेत) और डीपटेक में निवेश 2022 में 1.9 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया और 2023 में घटकर 98.787 करोड़ डॉलर रह गया। वहीं 2024 में 98.791 करोड़ डॉलर के साथ यह आंकड़ा लगभग सपाट बना रहा। 2025 में अब तक इसमें मामूली वृद्धि हुई है। पीई/वीसी निवेश 87.97 करोड़ डॉलर पर पहुंचा है। हालांकि साल में अभी चार महीने बाकी हैं।
वर्ष 2022 में, पीई/वीसी फंडों ने 217 सौदों में प्रति राउंड औसतन 87 लाख डॉलर का निवेश किया जो अब तक का सबसे मजबूत साल था। लेकिन 2024 में 207 सौदों में औसत निवेश आकार तेजी से गिरकर 47 लाख डॉलर रह गया। 2025 में अब तक सौदों की संख्या कम (113) है। लेकिन औसत सौदे का आकार बढ़कर 77 लाख डॉलर हो गया है जो 2024 से बेहतर है। लेकिन फिर भी 2022 के स्तर से यह नीचे है।