राजस्व विभाग ने दोहराया है कि करदाताओं के फॉर्म 26 एएस में दिखाए गए जीएसटी टर्नओवर का उनके ऊपर अतिरिक्त अनुपालन बोझ नहीं पड़ेगा। यह फॉर्म सालाना समेकित कर स्टेटमेंट होता है, जिसे आयकर विभाग की वेबसाइट से स्थायी खाता संख्या (पैन) के इस्तेमाल से लिया जा सकता है। ज्यादा मूल्य के व्यय और कर भुगतान के ब्योरे का हवाला इस फॉर्म के माध्यम से दिया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर एक विशेष वर्ग द्वारा कहा जा रहा था कि करदाताओं को अब फॉर्म 26 एएस में अपलोड किए गए जीएसटी टर्नओवर और उनके द्वारा दिखाए गए आयकर रिटर्न के टर्नओवर का मिलान करना होगा और इससे करदाताओं का अनुपालन बोझ बढ़ेगा। इसके बाद विभाग ने इस सिलसिले में की गई पूछताछ के जवाब में यह स्पष्टीकरण दिया है।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि फॉर्म में दिखाया गया जीएसटी टर्नओवर सिर्फ करदाताओं की सूचना के लिए है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि फॉर्म में दिखाया गया जीएसटी टर्नओवर सिर्फ करदाताओं की सूचना के लिए है।
डीओआर ने संज्ञान में लिया है कि जीएसटीआर-3बी (जीएसटी के तहत समरी इनपुट आउटपुट फॉर्म) और फॉर्म 26एसएएस में दिखाए गए जीएसटी में कुछ अंतर हो सकता है। विभाग ने बयान में कहा है कि बहरहाल यह नहीं हो सकता है कि अगर कोई व्यक्ति जीएसटी में करोड़ो रुपये दिखाता है और एक पैसे भी आयकर न दे। सरकार ने उन लोगों के खिलाफ रुख कड़ा कर लिया है, जो जीएसटी के तहत फर्जी कर रसीद जारी कर रहे हैं।
