प्रतीकात्मक तस्वीर
‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के दौरान राजस्थान सरकार ने 35 लाख करोड़ रुपये के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जो राज्य के इतिहास में सर्वाधिक है। राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने अनिल शर्मा से बातचीत में कहा कि इससे कई क्षेत्रों में वृद्धि की राह खुलेगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रमुख अंश…
‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 कैसा रहा?
असीम संभावनाओं से परिपूर्ण यह समिट निवेश जुटाने और नए रोजगार सृजित करने में सार्थक रहा। समिट में 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू हुए। ये निवेश कई क्षेत्रों में विकास को गति देंगे। , अगले चार वर्षों में रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास सुनिश्चित करेंगे।
निवेशकों की इस प्रतिक्रिया की मुख्य वजह क्या थी?
कई कारकों ने राजस्थान को निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाया, जैसे- व्यापार करने में आसानी, राजनिवेश प्लेटफॉर्म द्वारा निवेश प्रक्रिया का डिजिटलीकरण, एकल-खिड़की प्रणाली के माध्यम से अनुमोदन का सरलीकरण एवं निवेश समर्थक नीतियां आदि। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2024 ने सब्सिडी, कर छूट और रोजगार सृजन प्रोत्साहन सहित आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए तो वहीं राजस्थान ने विदेशी निवेशकों के लिए संपर्क के एकल बिंदु के रूप में अंतरराष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र में 23 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को नियुक्त किया, जिससे सुचारु निवेश प्रक्रिया तय हुई।
सरकार एमओयू को कैसे धरातल पर लाएगी?
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार ने पहले ही वर्ष में समिट का आयोजित करने का साहसिक निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हस्ताक्षरित निवेश प्रस्तावों को शेष कार्यकाल में जमीनी परियोजनाओं में परिवर्तित किया जा सके।