अर्थव्यवस्था

MGNREGS: धन की कमी, मगर मनरेगा में बनी हुई है काम की मांग

हाल के वित्तीय बयान के मुताबिक देश के करीब 80 प्रतिशत राज्यों में मनरेगा के तहत आवंटित राशि से ज्यादा खत्म हो चुका है।

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- November 03, 2023 | 6:16 AM IST

अक्टूबर में मौसमी मंदी के बावजूद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम की मांग तेज बनी रही। यह आंकड़े ऐसे समय आए हैं, जब मनरेगा में आवंटित धन का आवंटन खत्म होने वाला है।

हाल के वित्तीय बयान के मुताबिक देश के करीब 80 प्रतिशत राज्यों में मनरेगा के तहत आवंटित राशि से ज्यादा खत्म हो चुका है।

वेबसाइट से एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत व्यय करीब 77,634 करोड़ रुपये है, जबकि कुल उपलब्ध राशि 68,014 करोड़ रुपये है। इस तरह से करीब 9,619.53 करोड़ रुपये की कमी है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान में मनरेगा के लिए महज 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किया था।

उधर रिपोर्टों में कहा गया है कि पूरक अनुदान मांग के माध्यम से इस योजना में करीब 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये डाले जाने की संभावना है, जिससे साल के शेष महीनों में योजना को आसानी से चलाया जा सके।

वेबसाइट के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में करीब 18.37 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम की मांग की है। यह मांग सितंबर की तुलना में थोड़ी कम है, लेकिन यह पिछले साल के समान महीने की तुलना में 18.5 प्रतिशत ज्यादा है।

साथ ही अगर कोविड प्रभावित वर्षों 2020-21 और 2021-22 को छोड़ दें तो यह मांग 2014-15 वित्त वर्ष से अब तक की सबसे बड़ी काम की मांग में से एक है।

First Published : November 3, 2023 | 6:16 AM IST