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PMI Services: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ पड़ी सुस्त, नवंबर में 11 महीने के निचले स्तर आई पीएमआई

पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है।

Last Updated- December 02, 2024 | 12:43 PM IST
UP's targeted intervention for MSMEs could boost industrial output, jobs
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भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर नवंबर में 11 महीने के निचले स्तर 56.5 पर आ गई। ऑर्डर में धीमी वृद्धि के बीच प्रतिस्पर्धी स्थितियों और मुद्रास्फीति के दबावों के कारण वृद्धि सीमित रही। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।

मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) अक्टूबर में 57.5 था जो नवंबर में 11 महीने के निचले स्तर 56.5 पर आ गया।

पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है।

एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ भारत में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर नवंबर में 56.5 रही जो पिछले महीने से थोड़ी कम है, लेकिन अब भी विस्तार के दायरे में है।’’ भंडारी ने कहा कि मजबूत व्यापक-आधारित अंतरराष्ट्रीय मांग ने भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया। हालांकि, इसी समय मूल्य दबाव बढ़ने से उत्पादन विस्तार की दर धीमी हो रही है।

घरेलू वृहद आर्थिक मोर्चे पर, शुक्रवार को जारी नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण तथा खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन और कमजोर उपभोग से चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर करीब दो वर्ष के निम्न स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई।

मूल्य के मोर्चे पर, भारतीय वस्तु उत्पादकों ने अक्टूबर 2013 के बाद से अपने विक्रय मूल्यों में सबसे अधिक वृद्धि की है। सर्वेक्षण में कहा गया, ‘‘ अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि की दर चार महीनों में सबसे अच्छी रही…बांग्लादेश, चीन, कोलंबिया, ईरान, इटली, जापान, नेपाल, ब्रिटेन और अमेरिका से वृद्धि की सूचना मिली..।’’

एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

First Published - December 2, 2024 | 12:15 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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