अर्थव्यवस्था

लॉजिस्टिक्स रैंकिंग : भारत ने विश्व बैंक के समक्ष रखा पक्ष

भारत ने आधारभूत ढांचा विकास और डिजिटलीकरण पहलों पर प्रकाश डाला

Published by
ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- March 21, 2024 | 11:35 PM IST

भारत ने अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (एलपीआई) में अपनी रैंकिंग बेहतर करने के लिए विश्व बैंक के समक्ष अपना पक्ष रखा है। एलपीआई कारोबारी सुगमता से जुड़ा एक प्रमुख सूचकांक है। विश्व बैंक अपने फैसले लेने की प्रक्रिया में ज्यादा आंकड़ों को शामिल करना चाह रहा है।

बिज़नेस स्टैंडर्ड को जानकारी मिली है कि भारत ने अपना दर्जा बेहतर बनाने के लिए बहुपक्षीय ऋणदाता के समक्ष अपने कई सुधारों का हवाला दिया है। अभी 139 देशों की एलपीआई में भारत का स्थान 38वां (पूर्ववर्ती दर्जे 44 से बेहतर) है। इस 38वें पायदान पर भारत के साथ ही पुर्तगाल, सऊदी अरब, टर्की और लिथुआनिया भी हैं। हालांकि केंद्र सरकार पहले यह सूचकांक तैयार करने के तरीके पर अपना विरोध जता चुकी है। वर्ष 2023 की सूचकांक में शीर्ष स्थान पर सिंगापुर था।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने बताया, , ‘अब विश्व बैंक अधिक विस्तृत आंकड़ों का उपयोग कर रहा है। विश्व बैंक देशों से ज्यादा व्यापक आंकड़े हासिल कर रहा है ताकि आने वाले सूचकांक को अधिक यथार्थवादी और धारणाओं की अपेक्षा अधिक वस्तुनिष्ठ बनाया जा सके।’इस सिलसिले में अभी अधिकारियों का एक दल वाशिंगटन डीसी में है।

इस दल में लॉजिस्टिक्स और आधारभूत ढांचे से जुड़े मंत्रालयों जैसे कि वाणिज्य, रेलवे, पत्तन और पोत परिवहन, सड़क परिवहन और राजमार्ग आदि के अधिकारी शामिल हैं। इस दल ने विश्व बैंक को देश में जारी आधारभूत ढांचा विकास के कार्यों और पहलों जैसे पीएम गतिशक्ति नैशनल मास्टर प्लान (एनएमपी), लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक, ई –वे बिल जैसे डेटासेट को बढ़ावा देने जैसे अन्य कार्यों की जानकारी दी है।

दरअसल 2023 तक सूचकांक सर्वेक्षण के जरिये बनाया जाता था। यह प्रमुख तौर पर कारोबारी साझेदारों की धारणाओं पर आधारित अंकों के आधार पर बनाया जाता था। इसके अलावा हिस्सा लेने वाले देश छह प्रमुख मेट्रिक्स – सीमा शुल्क, आधारभूत ढांचा, आंतरिक पोत परिवहन, लॉजिस्टिक्स क्षमता, ट्रैकिंग व ट्रैसिंग और समयसीमा के बारे में डेटा उपलब्ध कराते थे। यह सूचकांक अभी तक जहाज से कंटेनर की ढुलाई, विमानन, डाक पार्सल में लगने वाले समय, आयात-निर्यात में देरी आदि पर केंद्रित रहा है।

लॉजिस्टिक्स की विशेष सचिव सुमिता डावरा ने सितंबर में कहा था, ‘अभी विश्व बैंक का यह सूचकांक बहुत ही अधिक व्यक्तिनिष्ठ विश्लेषण पर आधारित है। हम विश्व बैंक से जोर देकर कह रहे हैं कि इस सूचकांक में वस्तुनिष्ठता लाई जाए। हमने उन्हें बताया है कि कैसे देश में लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाया जा रहा है। इस क्रम में देश में यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटीग्रेशन प्लेटफॉर्म (यूलिप) के बारे में जानकारी दी गई है।’

First Published : March 21, 2024 | 11:35 PM IST