अर्थव्यवस्था

June services PMI: नए ऑर्डर, अंतरराष्ट्रीय बिक्री से जून में सर्विस पीएमआई बढ़कर 60.5 पर पहुंचा; नौकरियों में भी इजाफा

सर्वे ने बताया कि भारतीय सेवा प्रदाताओं द्वारा प्राप्त किए गए नए ऑर्डर जून में लगातार बढ़ते रहे, जिससे विस्तार का मौजूदा क्रम लगभग तीन वर्षों तक बढ़ गए।

Published by
शिवा राजौरा   
Last Updated- July 03, 2024 | 12:08 PM IST

HSBC द्वारा बुधवार को जारी हेडलाइन पर्चेजिंग मैनेजर्स’ इंडेक्स (PMI) का आंकड़ा जून में 60.5 पर पहुंच गया, जो मई में 60.2 था। भारत के प्रमुख सेवाओं के क्षेत्र में जून में नई ऑर्डरों में इजाफे और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में बढ़ोतरी के कारण मई के पांच महीने के निम्न स्तर से सुधार हुआ है। प्राइवेट बिजनेस सर्वेक्षण के अनुसार, इस दौरान नौकरियां भी ज्यादा पैदा हुईं हैं।

सर्वे में बताया गया, ‘जून के आंकड़ों ने भारत के सर्विस सेक्टर के आउटपुट में लगातार बढ़ोतरी का संकेत दिया, जिसमें नए ऑर्डरों में मजबूत इजाफा और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में शानदार विस्तार के बीच मई के पांच महीने के निम्न स्तर से विस्तार की दर तेज हो गई। इसके अलावा, अगस्त 2022 के बाद से कर्मचारियों की संख्या में सबसे तेज गति से इजाफा हुआ, क्योंकि नए कार्यों को संभालने के लिए अल्पकालिक और स्थायी कर्मचारियों (short-term and permanent staff) को शामिल किया गया।’

सर्वे ने बताया कि भारतीय सेवा प्रदाताओं (Indian service providers) द्वारा प्राप्त किए गए नए ऑर्डर जून में लगातार बढ़ते रहे, जिससे विस्तार का मौजूदा क्रम लगभग तीन वर्षों तक बढ़ गया। इस दौरान वृद्धि की गति तेज हो गई, जो मई से तेज और दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर थी।

HSBC के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के सेवा क्षेत्र में गतिविधि वृद्धि जून में तेज हो गई, जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों नए ऑर्डरों में वृद्धि के कारण सेवा फर्मों ने अपने कर्मचारियों को बढ़ाया।

उन्होंने कहा, इनपुट लागत मध्यम गति से बढ़ी, जिसके परिणामस्वरूप जून में आउटपुट चार्ज में नरम वृद्धि हुई। कुल मिलाकर, सेवा प्रदाता आगामी वर्ष के कारोबारी परिदृश्य को लेकर आश्वस्त हैं, हालांकि माह के दौरान आशावाद का स्तर तेजी से कम हुआ है। जून में कंपोजिट PMI में भी तेजी आई, जिसे नए ऑर्डरों की अधिक आमद से मदद मिली। सेवा कंपनियों की तुलना में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने विस्तार में अधिक योगदान दिया।’

सर्वे ने बताया कि कुल नए बिजनेस ऑर्डरों में सुधार एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व और अमेरिका से आने वाले नए कार्यों के साथ अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों के रिकॉर्ड विस्तार द्वारा समर्थित था।

रोजगार के मोर्चे पर, सर्वेक्षण ने कहा कि भारतीय सेवा प्रदाताओं को पहले वित्तीय तिमाही के अंत में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने वास्तविक साक्ष्यों ने जूनियर, मीडियम और सीनियर लेवल के पदों के लिए अल्पकालिक और स्थायी नियुक्तियों पर फोकस किया।

सर्वे के नोट में कहा गया, ‘अतिरिक्त भर्ती ने फर्मों की श्रम खर्चों में वृद्धि की और औसत लागत बोझ में एक और वृद्धि में योगदान दिया। पैनलिस्टों ने खाद्य (चिकन, अंडे और सब्जियों) और ईंधन की उच्च कीमतों की भी बात कही।’

लागत के मोर्चे पर, उच्च खाद्य, ईंधन और श्रम लागत के कारण, सेवा प्रदाताओं ने अपने औसत खर्चों में मध्यम वृद्धि दर्ज की। मुद्रास्फीति की गति हालांकि चार महीनों में सबसे कमजोर थी और बिक्री कीमतों में भी फरवरी के बाद से सबसे धीमी गति से वृद्धि हुई।

First Published : July 3, 2024 | 12:08 PM IST