प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
ईरान-इजरायल के बढ़ते तनाव के बीच यात्रा योजनाओं पर काफी असर पड़ रहा है क्योंकि पाकिस्तान, ईरान और इजरायल ने हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जिससे विमानों का मार्ग बदल गया है और यूरोप जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ईरान, इजरायल, जॉर्डन, सीरिया और इराक की सरकारों द्वारा जारी की गई एयरमैन को नोटिस अथवा नॉटैम के आधार पर शेड्यूल में कम समय में बदलाव किया जा सकता है।
उद्योग के अधिकारियों ने बताया कि हवाई क्षेत्र बंद होने से उड़ानों का मार्ग बदल गया है और उड़ान का समय बढ़ने से कुछ मार्गों पर हवाई किराये में भी वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर पश्चिम एशियाई देशों की ओर जाने वाले विमानों की मांग पर पड़ेगा क्योंकि विमानन कंपनियों को संघर्षरत इलाकों से बचने के लिए ज्यादा घूमकर जाना पड़ेगा। विमानों की तैनाती अथवा पुनः तैनाती के कारण पूरे शेड्यूल पर असर पड़ने के आसार हैं।
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडियन टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी के उपाध्यक्ष अजय प्रकाश ने बताया, ‘ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष और हवाई क्षेत्र बंद होने से उड़ानों का रास्ता लंबा हो गया है, जिसका सीधा असर विमानों के समय पर किराये पर पड़ना तय है। कुछ क्षेत्रों में पहले से ही 12 से 15 फीसदी की वृद्धि देखी जा रही है।’
यात्रा ऑनलाइन लिमिटेड की सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी सबीना चोपड़ा ने बताया कि पश्चिम एशिया में चल रहे तनाव के कारण हवाई क्षेत्रों पर अस्थायी प्रतिबंध से विमानों को आने-जाने में 2 से 4 घंटे का वक्त अधिक लग रहा है और इससे विमानन कंपनियों की परिचालन लागत में वृद्धि हो गई है। उन्होंने कहा, ‘हवाई किराये ईंधन की कीमत, मांग और परिचालन बदलाव जैसे कुछ कारकों से तय किए जाते हैं। मार्ग बदलने से इसमें से कुछ मार्गों में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि हुई है।’
इंडिगो एयरलाइंस ने रविवार को एक परामर्श जारी कर कहा, ‘हवाई क्षेत्रों में जारी प्रतिबंध के कारण खाड़ी देशों से आने-जाने वाले उड़ान मार्गों पर भारी भीड़ है। नतीजतन, कुछ क्षेत्रों में देरी हो सकती है। चूंकि हम वैकल्पिक मार्गों के जरिये परिचालन जारी रख रहे हैं इसलिए यात्रा का समय बढ़ने की संभावना है।’
एयर इंडिया ने भी शुक्रवार को ऐसी ही सलाह जारी की थी। विमानन कंपनी ने लंदन, न्यूयॉर्क, शारजहां, दिल्ली, फ्रैंकफर्ट, शिकागो, वाशिंगटन और टोरंटो जाने वाले एक दर्जन से अधिक विमानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया था, जिनमें से अधिकतर विमानें अपने मूल बंदरगाहों पर लौट गई थीं। बीते महीने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद विमानन कंपनी पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल से भी परहेज कर रही है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने कहा, ‘पाकिस्तान हवाई क्षेत्र के बंद होने से पश्चिमी गंतव्यों के लिए विमान का किराया प्रमुख मार्गों पर 15 से 25 फीसदी तक बढ़ गया है। अगर ईरानी और इजरायली हवाई क्षेत्र में भी ऐसे ही प्रतिबंध बरकरार रहते हैं तो लंबे रास्ते और अधिक ईंधन की खपत के कारण ऐसी ही वृद्धि की संभावना है।’
भू-राजनीतिक स्थितियों से उड़ान में व्यवधान और एयर इंडिया की हाल ही में दुर्घटना के कारण यात्रियों में चिंता और भय है। उद्योग के अधिकारियों ने बताया कि विमानों की रीशेड्यूलिंग के अनुरोध आने लगे हैं और यात्री अब यह भी जानना चाह रहे हैं कि वे किस विमान से यात्रा करेंगे।
गोसाईं ने कहा, ‘एयर इंडिया के हादसा के बाद सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता है। ड्रीमलाइनर की घटना के बाद यात्री तेजी से विमान के बारे में जानकारी ले रहे हैं। हालांकि, अभी हम बुकिंग के दौरान विमान के बारे में जानकारी नहीं देते हैं, लेकिन हम अपने ग्राहकों के लिए पारदर्शिता और मन की शांति के लिए इस सुविधा का आकलन कर रहे हैं।’
इसके अलावा ट्रैवल पोर्टल और टूर ऑपरेटर अपने उपभोक्ताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा की बुकिंग करते वक्त विमान की जानकारी देने के तरीकों को मूल्यांकन कर रहे हैं।
चोपड़ा ने कहा, ‘यात्रियों के लिए सुरक्षा स्वाभाविक रूप से सबसे जरूरी है। हाल ही में हुए ड्रीमलाइनर हादसे जैसी घटनाओं ने विमान के प्रकार और एयरलाइन सुरक्षा रिकॉर्ड के बारे में जागरूकता बढ़ाई है। यात्रा डॉट कॉम पहले से ही विमान मॉडल और वाहक (जहां उपलब्ध हो) सहित विस्तृत उड़ान जानकारी प्रदर्शित करता है और हम इस डेटा को बुकिंग प्रक्रिया में और भी अधिक प्रमुख बनाने पर काम कर रहे हैं।’