facebookmetapixel
PM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधारDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौकात्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंदQ2 में बंपर मुनाफे के बाद 7% उछला ये शेयर, ब्रोकरेज बोले – BUY; ₹298 तक जाएगा भाव

वित्त वर्ष 23 में विनिर्माण, निर्माण, खनन में निवेश घटा

यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सोमवार को जारी राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, 2024 के उद्योग-वार विश्लेषण में दी गई है।

Last Updated- May 07, 2024 | 11:03 PM IST
Investment

वित्त वर्ष 23 में विनिर्माण, निर्माण और खनन क्षेत्रों में निवेश घटा है। सकल पूंजी निर्माण (जीसीएफ) के तौर पर दिखाए जाने वाले इस निवेश में गिरावट का कारण निर्यात में प्राथमिक तौर पर गिरावट और कम निजी खपत है। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सोमवार को जारी राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, 2024 के उद्योग-वार विश्लेषण में दी गई है।

यह वह समय है जब वित्त वर्ष 23 में सकल जीसीएफ स्थिर मूल्य पर 6.9 प्रतिशत बढ़कर 55.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है। जीसीएफ अर्थव्यवस्था में निवेश का व्यापक माप है और यह अचल संपत्तियां, इंवेंटरी और कीमती सामानों सहित भौतिक परिसंपत्तियों के कुल मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।

दूसरी तरफ सकल तय पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) अर्थव्यवस्था में निवेश का संकुचित रूप से प्रतिनिधित्व करता है। इसका कारण यह है कि इसमें मूल्यवान इंवेंटरी या अधिग्रहण को शामिल नहीं किया जाता है। वास्तविक जीएफसी विनिर्माण 5.4 प्रतिशत संकुचित होकर 9.4 लाख करोड़ रुपये हो गया।

यह साल भर में ‘कम विनिर्माण वृद्धि’ का प्रतिनिधित्व कर सकता है। अर्थशास्त्रियों के अनुसार कम विनिर्माण वृद्धि का कारण क्षमता का कम उपयोग और कंपनियों के निवेश में कम पहल करना है। इसके अलावा निर्माण क्षेत्र पर सरकार के अधिक पूंजीगत व्यय किए जाने के कारण इस क्षेत्र में पूंजी निर्माण में गिरावट आई है।

इस क्षेत्र में पूंजी निर्माण वित्त वर्ष 23 में 2.9 प्रतिशत घटकर 4.02 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि यह वित्त वर्ष 22 में 4.14 लाख करोड़ रुपये था। इसमें गिरावट का प्रमुख कारण सस्ते आवास क्षेत्र में गिरावट आना है।

First Published - May 7, 2024 | 11:03 PM IST

संबंधित पोस्ट