अर्थव्यवस्था

निवेश और खपत ने पकड़ी रफ्तार

इस तिमाही में पूंजीगत निवेश को निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय और घरेलू व्यय ने बढ़ाया दिया।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- August 31, 2024 | 12:19 AM IST

वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में पूंजीगत निवेश में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि इससे पिछली तिमाही में 6.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस तिमाही में पूंजीगत निवेश को निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय और घरेलू व्यय ने बढ़ाया दिया।

वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में आधारभूत ढांचे का प्रॉक्सी सकल निश्चित पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) का योगदान 31.3 प्रतिशत था जबकि यह पिछली तिमाही में 31.4 प्रतिशत था। आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए 30 प्रतिशत से अधिक निवेश को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

आम चुनाव के कारण केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में गिरावट आने के बावजूद जीडीपी में जीएससीएफ की हिस्सेदारी बढ़ी है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) से प्राप्त आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि केंद्र सरकार का पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय 1.8 लाख करोड़ रुपये था जबकि यह बीते साल की इस अवधि में 2.7 लाख करोड़ रुपये था।

इस तिमाही में बीते साल की इसी तिमाही की तुलना में केंद्र के पूंजीगत व्यय में करीब 33 प्रतिशत की गिरावट आई। केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि प्रथम तिमाही में केंद्र का पूंजीगत व्यय घटने के बावजूद कुल जीएफसीएफ में जबरदस्त वृद्धि उजागर हुई।

First Published : August 30, 2024 | 11:36 PM IST