मुद्रास्फीति की दर एक मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान बढ़कर 5.11 प्रतिशत हो गई। इससे पूर्व सप्ताह के दौरान यह 5.02 प्रतिशत थी।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरूआ ने कहा कि उन्हें आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में तत्काल कोई नरमी करने की उम्मीद नहीं है क्योंकि शीर्ष बैंक का ध्यान मुद्रास्फीति के नियंत्रण पर रहेगा।
उन्होंने हालांकि कहा कि दरों में कटौती इस साल के मध्य तक हो सकती है। बरूआ ने कहा, ‘खाद्य और अखाद्य वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय कीमत के कारण मुद्रास्फीति के आंकड़े कुछ और बढ़ सकते हैं।’
थोक मूल्य आधारित इन्डेक्स के बारे में आज जारी सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि यह 0.2 प्रतिशत बढ़कर 220 अंक पर पहुंच गई है जो पिछले सप्ताह 219.5 अंक था।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान फूड उत्पाद समूह का इन्डेक्स 0.1 प्रतिशत चढ़ गया जबकि चना मटन जौ बाजरा मसाले जैसी वस्तुएं मंहगी हुईं।
सामुद्रिक उत्पादों की कीमत हालांकि आठ प्रतिशत गिर गई जबकि अंड़े की कीमत तीन प्रतिशत बढ़ गई। तैयार उत्पादों की कीमतें भी समीक्षाधीन सप्ताह में चढ़ीं। सरसों तेल, आयातित खाद्य, तेल, खांडसारी, नमक, घी और मूंगफली तेल महंगा हो गया।
गुड़ की कीमत दो प्रतिशत गिर गई। तंबाकू प्रिंटिंग पेपर ईंट सीरेमिक टाइल इस्पात तार इस्पात शीट, पिग आइरन की कीमत चढ़ गई। मुद्रास्फीति मापने के लिए बनेगा नया सूचकांक वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि मुद्रास्फीति को सटीक तरीके से मापने के लिए एक नया सूचकांक तैयार किया जा रहा है।
चिदंबरम ने लोकसभा में प्रश्नकाल में पूरक सवालों का जवाब देने दौरान कहा कि इस सूचकांक में वस्तुओं और सेवाओं की मौजूदा स्थिति को शामिल किया जाएगा अत: यह ज्यादा सटीक तरीके से मुद्रास्फीति को माप सकेगा।
चिदंबरम ने कहा, ‘मुद्रास्फीति को नापने के लिए अभी इस्तेमाल किया जा रहा सूचकांक पिछले 10-15 सालों से प्रचलन में है।’ मुद्रास्फीति की दर कुछ वस्तुओं के औसत थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर तय की जाती है।