जून 2025 में भारत का सेवा क्षेत्र (Services Sector) तेज़ी से बढ़ा है। HSBC India Services PMI रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेक्टर की ग्रोथ पिछले 10 महीनों की सबसे ऊंची रही। इसकी बड़ी वजह नए घरेलू ऑर्डर्स में तेज़ उछाल, अंतरराष्ट्रीय बिक्री में सुधार और लगातार हो रही हायरिंग है। HSBC India Services PMI Business Activity Index मई के 58.8 से बढ़कर जून में 60.4 हो गया। PMI इंडेक्स में 50 से ऊपर का स्कोर ग्रोथ (वृद्धि) दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर गिरावट।
HSBC की चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजल भंडारी ने कहा, “जून में घरेलू नए ऑर्डर्स में तेज़ बढ़त के चलते सर्विस सेक्टर का इंडेक्स 10 महीने के शिखर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर्स भी बढ़े, लेकिन रफ्तार थोड़ी धीमी रही। अच्छी बात ये रही कि कंपनियों की लागत बढ़ी, लेकिन उससे कम दर से उन्होंने ग्राहकों से कीमतें वसूलीं, जिससे मार्जिन बेहतर हुए।” यह भी सामने आया कि अगस्त 2024 के बाद पहली बार नए ऑर्डर्स इतनी तेज़ी से बढ़े हैं। एशिया, मिडिल ईस्ट और अमेरिका जैसे देशों से भी भारतीय सेवाओं की मांग में सुधार दिखा।
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इस मजबूती का असर रोजगार पर भी दिखा। जून में लगातार 37वें महीने सेवा कंपनियों ने नई नौकरियां दीं। हालांकि मई के मुकाबले हायरिंग की रफ्तार थोड़ी धीमी रही, लेकिन अब भी यह औसत से ऊपर रही। खर्च के मोर्चे पर रिपोर्ट में कहा गया कि उपभोक्ता सेवाओं (Consumer Services) में लागत का दबाव सबसे ज़्यादा रहा। वहीं, वित्तीय और बीमा क्षेत्र (Finance & Insurance) में कंपनियों ने ग्राहकों से सबसे तेज़ दर से कीमतें वसूलीं।
हालांकि ज़्यादातर कंपनियां अगले एक साल में ग्रोथ की उम्मीद कर रही हैं, लेकिन जून में यह उम्मीद थोड़ी कमज़ोर पड़ी। सिर्फ 18% कंपनियों ने कहा कि उन्हें अगले साल ग्रोथ की उम्मीद है। यह आंकड़ा जुलाई 2022 के बाद सबसे कम रहा। HSBC की भंडारी ने कहा, “भविष्य को लेकर भरोसा अब भी है, लेकिन थोड़ा हल्का पड़ गया है।”
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HSBC India Composite PMI Output Index भी मई के 59.3 से बढ़कर जून में 61 हो गया, जो पिछले 14 महीनों में सबसे तेज़ ग्रोथ है। यह इंडेक्स मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर की संयुक्त गति को दर्शाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों ने अप्रैल-जून तिमाही के अंत में कीमतें सबसे कम दर से बढ़ाईं। साथ ही लागत में बढ़त की रफ्तार भी अगस्त 2024 के बाद सबसे धीमी रही। ये रुझान दोनों मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में देखे गए। (PTI के इनपुट के साथ)