संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए भारत की अर्थव्यवस्था के वृद्धि अनुमान को 70 आधार अंक बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि यह अनुमान जनवरी में 6.2 प्रतिशत जताया गया था। यूएन ने साल के मध्य में संशोधित अनु्मान में जबरदस्त सार्वजनिक निवेश और मजबूत निजी खपत के आधार पर इस अनुमान को संशोधित किया है।
शुक्रवार को जारी हालिया विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट में कहा गया, ‘वर्ष 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था के बढ़कर 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। यह वृद्धि मुख्य तौर पर मजबूत सार्वजनिक निवेश और मजबूत निजी खपत के आधार पर होगी।’ हालांकि वर्ष 2025 के लिए वृद्धि के अनुमान को 6.6 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।
रिपोर्ट में यह भी इंगित किया गया कि सरकार राजकोषीय घाटे को धीरे-धीरे कम करने के लिए भी प्रतिबद्ध है और इस दौरान पूंजी निवेश को बढ़ाया जाएगा। सरकार ने राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 24 के 5.8 प्रतिशत से घटाकर वित्त वर्ष 25 में 5.1 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
उपभोक्ता महंगाई के स्तर पर भारत में महंगाई 2023 के 5.6 प्रतिशत से गिरकर 2024 में 4.5 प्रतिशत होने का अनु्मान है। रिपोर्ट के अनुसार भारत का केंद्रीय बैंक का मध्यम अवधि का लक्ष्य महंगाई को 2 से 6 प्रतिशत में रखना है।
रिपोर्ट में श्रम मार्केट के बारे में उल्लेख किया गया है कि कि कई विकासशील देशों में कमजोर आर्थिक गतिविधियों के कारण देश में अल्पावधि में रोजगार कमजोर रहेगा। हालांकि श्रम बाजार के सूचकांक मजबूत वृद्धि और उच्च श्रम बल साझेदारी के कारण सुधर गए हैं। विकासशील देशों में महत्त्वपूर्ण खनिजों की मांग बढ़ने से नए अवसर तैयार होंगे।