अर्थव्यवस्था

FATF की रिपोर्ट में भारत का अनुपालन का स्तर अच्छा

वित्त मंत्रालय का मानना ​​है कि अच्छी रेटिंग मिलने से भारत को वैश्विक वित्तीय बाजारों और संस्थानों तक अपनी पहुंच बेहतर करने में मिलेगी।

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श्रीमी चौधरी   
Last Updated- June 28, 2024 | 10:51 PM IST

काले धन को सफेद बनने से रोकने के लिए दुनिया भर में निगरानी करने वाली संस्था फाइनैं​शियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने कहा है कि भारत ने उसके दिशानिर्देशों के अनुरूप उच्च स्तरीय तकनीकी अनुपालन का स्तर हासिल कर लिया है। मगर उसे कुछ गैर-वित्तीय क्षेत्रों में निवारक उपायों को लागू करने और निगरानी को मजबूत करने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए।

एफएटीएफ ने सं​क्षिप्त वक्तव्य में भारत को नियमित निगरानी वाली श्रेणी में रखते हुए कहा है कि उसे धन शोधन और आतंकियों को धन मुहैया कराने संबंधी मामलों में मुकदमेबाजी को जल्द निपटाने के लिए उपाय करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘एफएटीएफ के आकलन में भारत का प्रदर्शन हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि यह हमारी वित्तीय प्रणाली की समग्र स्थिरता एवं अखंडता को प्रद​​र्शित करता है।’

भले ही एफएटीएफ किसी कानून द्वारा समर्थित नहीं है, लेकिन वैश्विक निवेशक इसके निष्कर्षों को काफी महत्त्व देते हैं। एफएटीएफ ने भारत के बारे में आज अपनी आकलन रिपोर्ट में ये बातें कही हैं। रिपोर्ट में धन शोधन, आतंकियों के लिए धन देने जैसे मामलों से निपटने के वास्ते भारत द्वारा किए गए उपायों की प्रभावशीलता का आकलन किया गया है।

वित्त मंत्रालय का मानना ​​है कि अच्छी रेटिंग मिलने से भारत को वैश्विक वित्तीय बाजारों और संस्थानों तक अपनी पहुंच बेहतर करने में मिलेगी। इससे भारत के प्रति निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा।

मंत्रालय ने कहा कि इससे भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के वैश्विक विस्तार में भी मदद मिलेगी। टास्क फोर्स ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किए गए उपायों के अच्छे परिणाम दिखे हैं। इनमें धन शोधन एवं आतंकियों के लिए धन मुहैया कराने के जोखिम को समझने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, बुनियादी एवं लाभकारी स्वामित्व की जानकारी तक पहुंचने, वित्तीय खुफिया जानकारी के उपयोग और अपराधियों को उनकी परिसंपत्ति से वंचित करने जैसे उपाय शामिल हैं।

एफएटीएफ ने सिफारिश की है कि भारत को गैर-लाभकारी क्षेत्र में आतंकियों के लिए धन मुहैया कराने पर लगाम लगाने के उपायों में जो​खिम आधारित दृ​​ष्टिकोण पर अमल करना चाहिए। एफएटीएफ दिशानिर्देशों के अंतर्गत भारत का पारस्परिक आकलन पिछली बार 2010 में किया गया था।

इसका मकसद किसी देश के वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कानून और नीति बनाने तथा उन्हें लागू करने की क्षमता की पड़ताल करना है। एफएटीएफ के आकलन के चौथे दौर में जी20 समूह के 17 देशों का आकलन किया गया है जिनमें से भारत सहित चार देशों को ‘नियमित फॉलोअप’ श्रेणी में रखा गया है। जबकि समूह के अन्य देशों को ‘अधिक फॉलोअप’ श्रेणी में रखा गया है।

एफएटीएफ ने कहा है कि भारत को कुछ गैर-वित्तीय क्षेत्रों में निवारक कदमों के पर्यवेक्षण और कार्यान्वयन को मजबूत करने की जरूरत है। उसने धन शोधन और आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने से होने वाले जोखिमों को कम करने के लिए भारत के प्रयासों को स्वीकार किया, जिसमें नकदी आधारित अर्थव्यवस्था से डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना भी शामिल हैं। जैम (जन धन, आधार, मोबाइल) को लागू करने और नकद लेनदेन के लिए कड़े नियमों ने वित्तीय समावेशन और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया है।

First Published : June 28, 2024 | 10:30 PM IST