अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था ने पहली छमाही की गति बरकरार रखी, पूंजीगत व्यय से मिलेगा वृद्धि को बढ़ावा: RBI

2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान

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भाषा   
Last Updated- February 20, 2024 | 7:45 PM IST

भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में हासिल की गई वृद्धि की रफ्तार को बरकरार रखा है और कॉरपोरेट क्षेत्र द्वारा पूंजीगत व्यय के नए दौर से वृद्धि के अगले चरण को गति मिलने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुलेटिन में मंगलवार को यह बात कही गई।

बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर एक लेख में कहा गया, ‘‘हाल के महीनों में यह धारणा मजबूत हुई है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2024 में उम्मीद से अधिक मजबूत वृद्धि हासिल करेगी और जोखिमों को व्यापक रूप से संतुलित किया गया है।’’ लेख के मुताबिक, उच्च आवृत्ति संकेतकों के आधार पर कहा जा सकता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 की पहली छमाही में हासिल की गई गति को बरकरार रखा है।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा लिखे गए लेख में कहा गया, ‘‘कॉरपोरेट क्षेत्र द्वारा पूंजीगत व्यय के नए दौर की उम्मीद से वृद्धि के अगले चरण को बढ़ावा मिलने की संभावना है।’’

केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। लेख में कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं और ये भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

First Published : February 20, 2024 | 5:45 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)