अर्थव्यवस्था

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द संभव, 9 जुलाई से पहले शुरुआती करार पर मुहर के आसार!

लटनिक ने जवाबी शुल्क पर रोक खत्म होने से पहले भारत के साथ करार करने का दिया संकेत

Published by
असित रंजन मिश्र   
Last Updated- June 03, 2025 | 11:10 PM IST

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष उस व्यवस्था तक पहुंच गए हैं जो दोनों देशों के लिए मुफीद है। लटनिक ने संकेत दिया कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता 9 जुलाई को जवाबी शुल्क पर 90 दिनों की रोक हटने से पहले हो सकता है।

लटनिक ने अमेरिका-भारत स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम कार्यक्रम में सोमवार को कहा था, ‘जो लोग 4 से 9 जुलाई के बीच आएंगे उन्हें ज्यादा फायदा नहीं होगा। लेकिन भारत अमेरिका के साथ व्यापार करार करने की कोशिश करने वाले पहले देशों में से एक है, जिसकी मैं सराहना करता हूं। इस तरह के सौदे में दो या तीन साल लगते थे मगर हम उन्हें एक महीने में पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।’

दोनों पक्षों ने इस साल के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने का संकल्प जताया था मगर भारत 9 जुलाई से लगने वाले 26 फीसदी जवाबी शुल्क से बचने के लिए शुरुआती चरण के व्यापार करार पर मुहर लगाने की जल्दी में है। व्यापार वार्ता जारी रखने के लिए अमेरिका का एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह के अंत में भारत आने वाला है।

लटनिक ने कहा कि अमेरिका भारत के बाजार में ज्यादा पहुंच चाह रहा है और बदले में भारत को कुछ प्रमुख क्षेत्रों में विशेष पहुंच देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘हम चाहेंगे कि हमारे व्यवसायों के लिए भारतीय बाजार सुलभ हों। हम व्यापार घाटे को कम करना चाहते हैं। भारत भी अमेरिकी बाजार के कुछ क्षेत्रों तक विशेष पहुंच चाहेगा।’

अमेरिका की प्रमुख मांग है कि भारत के कृषि बाजार में उसकी कंपनियों की पहुंच सुलभ हो। लटनिक ने कहा कि समाधान तक पहुंचने के लिए दोनों पक्षों को राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका किसानों और पशुपालकों के राजनीतिक प्रभाव को समझता है। इसलिए हम ऐसा रास्ता तलाश रहे हैं जो दोनों के लिए राजनीतिक रूप से स्वीकार्य हो। और मुझे लगता है कि हम ऐसा रास्ता खोज लेंगे।’

लटनिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच मजबूत और सकारात्मक संबंध उन्हें व्यापार वार्ता के लिए ‘आसान रास्ता’ देते हैं क्योंकि दोनों पक्ष सकारात्मक जगह से शुरुआत करते हैं।

हालांकि लटनिक ने कहा, ‘भारत शुल्क को लेकर बुहत संरक्षणवादी है। इसलिए विचार यह है कि उन्हें ऐसे स्तर पर लाया जाए जो उचित और उपयुक्त हो ताकि हम एक-दूसरे के व्यापारिक भागीदार बन सकें।’ लटनिक ने कहा कि अमेरिका उन्नत विनिर्माण को वापस अमेरिका लाना चाहता है लेकिन बड़ी संख्या में उत्पाद श्रेणियां हैं जिन्हें वह भारत में उत्पादन करना चाहेगा।

उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच एक ऐसा व्यापारिक समझौता होने जा रहा है जिसके तहत कुछ उद्योग के लिए भारत में उत्पादन करना अच्छा होगा, वहीं कुछ को अमेरिका में अपना विनिर्माण इकाई लगाने की आवश्यकता होगी। कुछ उद्योगों में दोनों देशों के बीच यह दुनिया का सबसे अच्छा शुल्क संबंध होंगे जिसका अर्थ है कि भारत को भी फायदा होगा।’

First Published : June 3, 2025 | 10:36 PM IST