अर्थव्यवस्था

India-UK FTA: आम चुनाव से पहले मुक्त व्यापार समझौते की कवायद तेज, पीयूष गोयल और केमी बैडनॉक के बीच होगी बात

उम्मीद है कि अबूधाबी में होने जा रहे विश्व व्यापार संगठन के 4 दिवसीय 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (WTO MC13) के दौरान दोनों नेताओं के बीच अलग से द्विपक्षीय बातचीत होगी।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- February 27, 2024 | 10:19 PM IST

भारत में आम चुनाव करीब आ रहा है। ऐसे में भारत और ब्रिटेन के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते की कवायद तेज हो गई है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन की उनकी समकक्ष मंत्री केमी बैडनॉक के बीच समझौते का अंतिम प्रारूप तैयार करने के मसले पर बातचीत होगी।

उम्मीद की जा रही है कि अबूधाबी में होने जा रहे विश्व व्यापार संगठन के 4 दिवसीय 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (WTO MC13) के दौरान दोनों नेताओं के बीच अलग से द्विपक्षीय बातचीत होगी। लंबित पेचीदा मसलों पर बातचीत के लिए भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल की अध्यक्षता में अधिकारियों का एक दल एक सप्ताह पहले लंदन गया था, उसके बाद गोयल और बैडनॉक के बीच बैठक होने जा रही है।

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘पीयूष गोयल और उनकी ब्रिटिश समकक्ष मंत्री के बीच द्विपक्षीय बातचीत डब्ल्यूटीओ की बैठक के दौरान अलग से होगी, जिसमें भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।’

यह संकेत है कि गेंद अब दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व के पाले में है, जिन्हें मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर की घोषणा करनी है क्योंकि वार्ताकारों के स्तर पर ज्यादातर मसलों पर बातचीत हो चुकी है। उपरोक्त अधिकारी ने कहा, ‘समझौते पर हस्ताक्षर पर राजनीतिक फैसले के बाद ही कुछ मसलों का समाधान हो सकता है।’

भारत और ब्रिटेन पिछले 2 साल से ज्यादा समय से व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। दोनों पक्ष 2022 में दीवाली तक समझौते की अंतिम तिथि चूक गए हैं, जो ब्रिटिश प्रधानंत्री बोरिस जॉनसन ने तय किया था। उसके बाद नई दिल्ली में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अक्टूबर 2023 तक समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा गया।

लेकिन मतभेदों के कारण इसमें देरी हुई। इस समय का वक्त अहम है, क्योंकि भारत में आम चुनाव के लिए कभी भी आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) की घोषणा की जा सकती है और दोनों देश उसके पहले एफटीए पर बातचीत पूरी करना चाहते हैं।

बड़थ्वाल के दौरे के पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी प्रस्तावित समझौते की प्रगति की समीक्षा की थी। इसके अलावा जनवरी में ऋषि सुनक के मुख्य आर्थिक सलाहकार डगलस की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया था, जिसने प्रस्तावित एफटीए व निवेश संधि पर बातचीत की थी।

अब तक 14 दौर की बातचीत हो चुकी है। व्हिस्की और इलेक्ट्रिक वाहन समेत ऑटोमोबाइल पर ब्रिटेन कम शुल्क लगाए जाने की मांग कर रहा है। साथ ही वह भारत के बाजार में दूरसंचार, कानूनी, वित्तीय सेवा क्षेत्र में भी ज्यादा अवसर चाहता है।

अन्य पेचीदा मसलों में ओरिजिन के नियम और बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी मसले शामिल हैं। इसी तरह से 2027 से भारत की वस्तुओं के आयात पर कार्बन सीमा कर लागू करने की ब्रिटेन की योजना को लेकर भी भारत सख्ती से बातचीत कर रहा है।

इस मसले पर ब्रिटिश उच्चायुक्त से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। भारत के वाणिज्य विभाग ने भी बिज़नेस स्टैंडर्ड की ओर से मांगी गई जानकारी का कोई उत्तर नहीं दिया।

First Published : February 27, 2024 | 10:19 PM IST