अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने कहा है कि भारत वर्ल्ड इकॉनमी में तुलनात्मक रूप से ‘ब्राइट स्पॉट’ बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारत 2023 में ग्लोबल इकॉनमी की ग्रोथ में अकेले 15 प्रतिशत का योगदान देगा। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी को महामारी के चलते हुई गिरावट से उबरने में डिजिटलीकरण से मदद मिली और विवेकपूर्ण राजकोषीय नीति तथा अगले साल के बजट में प्रस्तावित पूंजी निवेश से वृद्धि की गति को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
भारत की परफॉर्मेंस काफी प्रभावशाली
जॉर्जीवा ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘भारत की परफॉर्मेंस काफी प्रभावशाली रही है। हमें उम्मीद है कि मार्च में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में भारत 6.8 प्रतिशत के हाई ग्रोथ रेट को बनाए रखेगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए हमारा अनुमान 6.1 प्रतिशत है।’’
उन्होंने कहा कि भारत की ग्रोथ बाकी दुनिया की इकॉनमी की तरह थोड़ी धीमी होगी, लेकिन ग्लोबल एवरेज से ऊपर रहेगी। इस तरह 2023 में ग्लोबल ग्रोथ में भारत का योगदान लगभग 15 प्रतिशत होगा। यह प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज ग्रोथ रेट है। भारत ऐसे वक्त में ‘ब्राइट स्पॉट’ बना हुआ है, जब आईएमएफ ने 2023 को एक मुश्किल साल रहने का अंदेशा जताया है। इस साल ग्लोबल ग्रोथ रेट घटकर 2.9 प्रतिशत रह सकता है।
भारत ने डिजिटलीकरण का बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ब्राइट स्पॉट क्यों है? क्योंकि देश ने महामारी के प्रकोप पर काबू पाने और ग्रोथ तथा नौकरियों के अवसर पैदा करने के लिए डिजिटलीकरण का बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया।’’
जॉर्जीवा कहा, ‘‘दूसरी वजह है कि भारत की राजकोषीय नीति आर्थिक स्थितियों के प्रति उत्तरदायी रही है। हमने पेश किए गए नए बजट को देखा है, और यह राजकोषीय समेकन के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जबकि साथ ही पूंजी निवेश के लिए महत्वपूर्ण वित्तपोषण भी मुहैया कराता है।’’
उन्होंने कहा कि तीसरी बात यह कि भारत ने महामारी से सबक सीखने और कठिन वक्त से उबरने के लिए बेहद मजबूत नीतियों को लागू करने में संकोच नहीं किया।
जॉर्जीवा ने बेंगलुरू में G-20 की वित्तीय ट्रैक बैठक में भाग लेने के लिए अपनी भारत यात्रा से पहले कहा कि भारत द्वारा घोषित जी-20 का आदर्श वाक्य ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ बेहद प्रेरक है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए एक महान आदर्श वाक्य चुना है, जो मुझे लगता है कि हम सभी के साथ एक मानवीय स्तर पर प्रतिध्वनित होता है: एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य। जितना मैं सोच सकती हूं, यह जी-20 का सबसे प्रेरक आदर्श वाक्य है।’’