facebookmetapixel
अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदी

IMF ने भारत की GDP वृद्धि का अनुमान रखा बरकरार, कहा- अपनी वास्तविक क्षमता से जुड़ रही अर्थव्यवस्था

आईएमएफ की वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, ‘जीडीपी वृद्धि 2023 के 8.2 प्रतिशत से सुस्त होकर 2024 में 7 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत होने का अनुमान है।

Last Updated- October 22, 2024 | 9:52 PM IST
India's GDP growth rate estimated at 6.4%, slowest in four years भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.4% रहने का अनुमान, चार साल में सबसे धीमी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 25 के लिए 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 26 के लिए 6.5 प्रतिशत के भारत के जीडीपी वृदि्ध अनुमान को यथावत रखा। इसकी वजह यह है कि महामारी के बाद जो रुकी हुई मांग अचानक बढ़ गई थी, उसका असर अब खत्म हो रहा है और अर्थव्यवस्था अपनी वास्तविक क्षमता से जुड़ रही है।

आईएमएफ की वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, ‘जीडीपी वृद्धि 2023 के 8.2 प्रतिशत से सुस्त होकर 2024 में 7 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। महामारी के दौरान संचित दबी हुई मांग समाप्त हो गई है, क्योंकि अर्थव्यवस्था अपनी क्षमता के साथ फिर से जुड़ रही है।’

इससे पहले इस महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा में मौजूदा वित्त वर्ष की वृद्धि के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। आरबीआई ने इसका कारण मजबूत खपत और निवेश की गति को बताया है।

वैश्विक मोर्चे पर हालिया नजरिया के अनुसार वृद्धि अनुमान भी जुलाई के अनुमान से लगभग अपरिवर्तित है। जुलाई में पेश किए गए 2024 और 2025 के 3.2 प्रतिशत के अनुमान को लगभग स्थिर रखा गया है।

हालांकि जुलाई में पेश किए गए 2025 के अनुमान 3.3 प्रतिशत के अनुमान को आंशिक रूप से संशोधित कर 10 आधार अंक कम कर दिया गया है।

आईएमएफ का कहना है कि महत्त्वपूर्ण क्षेत्रवार और क्षेत्रीय बदलावों ने वैश्विक नजरिये को स्थिर कर दिया है। इस दौरान सेवाओं की तुलना में वस्तुओं के दाम बढ़े हुए रहे और यह महामारी और उसके बाद की स्थिति का असर है।

First Published - October 22, 2024 | 9:52 PM IST

संबंधित पोस्ट