उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप इंडिया रैंंकिंग 2019 में गुजरात को सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला बताया है। राज्य ने लगातार दूसरी बार पहला स्थान हासिल किया है। कर्नाटक एवं केरल शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों की सूची में शामिल हैं।
डीपीआईआईटी की ओर से आज जारी की गई प्रस्तुति के मुताबिक व्यवधान वाले क्षेत्रों व आईक्रियेट की अवधारणा को चिह्नित करने की अतिसक्रिय व्यवस्था और ‘स्टूडेंट स्टार्टअप और नवोन्मेष’ नीति की वजह से गुजरात को पहले स्थान पर बने रहने में मदद मिली। केंद्र शासित प्रदेशों में अंडमान और निकोबार को शीर्ष स्थान मिला है। कुल 22 राज्य व 3 केंद्र शासित प्रदेशों ने इस कवायद में हिस्सा लिया।
भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, जहां स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत 36,000 स्टार्टअप की पहचान की गई है।
नई दिल्ली में स्टेट स्टार्टअप रैंकिंग रिपोर्ट 2019 जारी करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि इन घोषणाओं से केंद्र सरकार, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को आगे प्रोत्साहन की लंबी राह बनेगी। इससे प्रतिस्पर्धी संघवाद की धारणा को बल मिलेगा और राज्यों, उद्यमितों व अन्य हिस्सेदारों के बीच तालमेल को प्रोत्साहन मिलेगा।’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय उद्योग, निवेशक, ज्यादा पूंजी वाले व्यक्ति (एचएनआई), म्युचुअल और पेंशन फंड भी वित्तपोषण के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप की मौजूदा यात्रा में हिस्सा लेने पर विचार करेंगे। स्टार्टअप की ओर से तमाम बेहतर विचार आ रहे हैं, जहां तमाम निवेशों को जगह मिलेगी, जो संभवत: इच्छित परिणाम नहीं पाते हैं।’
मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहित करने के लिए 3 सिफारिशों को लेकर भी जोर दिया। नवोन्मेष व नई तकनीक, प्रक्रिया की फिर से डिजाइन तैयार करने, नियामकीय व पुराने व्यवहार में सुधार और अंतिम में व्यक्ति केंद्रित विचारों पर काम करके उत्पादों की नए सिरे से परिकल्पना की जा सकती है।
राज्यों के स्टार्टअप रैंकिंग फ्रेमवर्क 2019 को 7 व्यापक सुधारों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें संस्थागत समर्थन, अनुपालन सरल करने, सार्वजनिक खरीद मानकों में ढील, इनक्यूबेशन सपोर्ट, सीड फंडिंग सपोर्ट, वेंचर फंडिंग सपोर्ट और जागरूकता व पहुंच सहित 30 कार्य बिंदु शामिल हैं।
मूल्यांकन समिति में स्टार्टअप से जुड़े स्वतंत्र विश्लेषकों ने विभिन्न मानकों पर मिली प्रतिक्रिया का विस्तार से आकलन किया है। तमाम मानकों में लाभार्थियों से राय ली गई है, जिसके लिए 60,000 से ज्यादा कॉल 11 विभिन्न भाषाओं में की गई, जिससे कि कार्यक्रमों को लागू करने के स्तर पर लाभार्थियों से सीधे जुड़ा जा सके।
आर्थिक स्वतंत्रता की रैंकिंग में भारत फिसला
भारत 2018 में आर्थिक स्वतंत्रता के मामले में 79वें स्थान से खिसककर 105वें स्थान पर पहुंच गया है। एक संस्था सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी और कनाडा के फ्रास्ट्रर इंस्टीट्यूट की ओर से 162 देशों में कराए गए सर्वे से यह जानकारी मिली है।
इसमें कोविड का कोई असर शामिल नहीं है, जो 2020 में उपलब्ध होगा। ‘ग्लोबल इकोनॉमिक फ्रीडम इंडेक्स (वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रा सूचकांक) के मुताबिक भारत के लिए बड़ी निराशा ‘फ्रीडम टु ट्रेड इंटरनैशनली’ के मानकों के हिसाब से आई है, जिसमें भारत 139 वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि 2017 में 137वें स्थान पर था। इसके अलावा ‘नियमन’ के मामले में भारत का स्थान 2018 में 122वां है, जबकि एक साल पहले 114वें स्थान पर था। बीएस