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विनिर्माण व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 20 क्षेत्र चिह्नित : गोयल

Last Updated- December 15, 2022 | 4:24 AM IST

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि सरकार ने 20 प्रमुख क्षेत्रों को चिह्नित किया है, जिनमें भारत ज्यादा निर्यात पर बल देकर और महंगे आयात में कटौती करके विश्व के लिए आपूर्तिकर्ता हो सकता है।
फेडरेशन आप इंडियन चैंबर आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से आयोजित एक वेबिनॉर को संबोधित करते हुुए गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार फर्नीचर जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है, जिसका ज्यादा विनिर्माण भारत में हो और आयात कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुशल कार्पेंटरों की भारी संख्या के बावजूद भारत में बड़े पैमाने पर आयात होता है।
गोयल ने कहा, ‘हमने पहले 12 क्षेत्र चिह्नित किए थे और अब 8 और चिह्नित किए गए हैं। इस तरह से हमारे पास 20 ऐसे क्षेत्र हैं, जहां फिक्की और अन्य संगठन सक्रियता से काम कर सकते हैं, जिन्हें हमने ऐसे क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया है, जहां हम न सिर्फ अपनी घरेलू जरूरतें पूरी कर सकते हैं, बल्कि उन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी दाम पर आपूर्ति करके हम वैश्विक अगुआ बन सकते हैं।’  उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे क्षेत्रों में दुनिया से प्रतिस्पर्धा करना होगा, जहां वह ऐसा कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद हुए सामाजिक और औद्योगिक बदलाव का भारत को लाभ उठाने की जरूरत है, जिससे वह दूरस्थ शिक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों के साथ योग और आयुर्वेद जैसे परंपरागत क्षेत्रों में लाभ उठा सके।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार 371 सामान के आयात पर प्रतिबंध कड़े करने की दिशा में बढ़ रही है, जिनमनें खिलौने और प्लास्टिक के सामाने से लेकर खेल के सामान और फर्नीचर शामिल हैं। इनका कारोबार 127 अरब डॉलर का है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इन सामानों का बड़ा हिस्सा चीन से आता है, जिनके आयात का विकल्प तलाशा जाएगा।’ चीन के इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएं, परिधान व उपभोक्ता वस्तुएं भी सूची में शामिल हैं।

गूगल कर कानून बहुत साफ एफएक्यू की जरूरत नहीं
वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने विदेशी ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर हाल में इक्वलाइजेशन लेवी या गूगल टैक्स की व्यवस्था को लेकर कहा है कि इसके लिए अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) के माध्यम से स्पष्टीकरण की कोई जरूरत है। उन्होंने कहा कि कानून पहले ही बहुत साफ है। यह गैर प्रवासी ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए झटका है, जो एफएक्यू का इंतजार कर रहे थे और इस साल अप्रैल में लगाए गए 2 प्रतिशत इक्वलाइजेसन लेवी पर स्पस्टीकरण चाहते थे। वैश्विक डिजिटल दिग्गजों में फेसबुक, गूगल, एमेजॉन, उबर, नेटफ्लिक्स शामिल हैं, जो इस कर के दायरे में आएंगे।
घाटे के मुद्रीकरण का प्रस्ताव नहीं
आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने आज कहा कि घाटे के मुद्रीकरण के किसी प्रस्ताव को लेकर वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक में कोई चर्चा नहीं हो रही है। बजाज ने यह भी कहा कि अब तक के कर संग्रह के आधार पर भारत में आर्थिक संकुचन संभवत: पहले के अनुमान की तुलना में कम गंभीर रहेगा। उन्होंने कहा कि ‘खराब बैंक’ को लेकर आंतरिक रूप से चर्चा हुई है, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है। बजाज ने कहा, ‘इस समय कर्ज के मुद्रीकरण का कोई प्रस्ताव टेबल पर नहीं है। वित्तीय स्थिति और कर्ज के मुद्रीकरण की योजना पर सवाल 3-4 महीने बाद पूछे जाने चाहिए।’ पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, प्र्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार रथिन रॉय सहित कई अर्थशास्त्रियों ने घाटे के मुद्रीकरण की वकालत की थी।

First Published - July 23, 2020 | 11:35 PM IST

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