facebookmetapixel
Mumbai CNG crisis: मुंबई में सीएनजी संकट बरकरार, सड़कों से ऑटो-टैक्सी नदारतNPS, FD, PPF या Mutual Fund: कौन सा निवेश आपके लिए सही?Share Market: 6 दिन की रैली खत्म! सेंसेक्स–निफ्टी टूटे, IT–Metal Stocks में बड़ी गिरावटAsian Seed Congress 2025: बीज उद्योग के साथ मिलकर काम करेगी सरकार, बजट सत्र में लाएगी नया कानूनकैसे ₹1.8 करोड़ के निवेश पर भारी पड़ी ₹42 लाख की SIP? हर निवेशक के लिए जरूरी सबकCloudflare में आई तकनीकी खामी, ChatGPT, X समेत कई जरूरी सेवाएं प्रभावित; लाखों यूजर्स परेशान10k की SIP ने 1 लाख की SIP से ज्यादा पैसा बनाया- कैसे? पूरी कहानीElon Musk का X ठप्प! Cloudflare और ChatGPT में भी आई तकनीकी खराबी, यूजर्स परेशान‘AI पर कभी आंख मूंदकर भरोसा न करें’, गूगल के CEO सुंदर पिचाई की चेतावनी, कहा: फूट सकता है AI ‘बबल’Baroda BNP Paribas की पैसा डबल करने वाली स्कीम, 5 साल में दिया 22% रिटर्न; AUM ₹1,500 करोड़ के पार

महंगाई के खिलाफ जंग में उठे सरकार के कदम

Last Updated- December 11, 2022 | 10:42 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में कहा कि खाद्य तेल सहित अन्य महत्त्वपूर्ण जिंसों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। संसद में दिए गए इस बयान के कुछ घंटे पहले ही सरकार ने कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर कड़ाई बरतने की घोषणा की थी।  उसके बाद केंद्र सरकार ने दो प्रमुख जिंसों खाद्य तेल और दलहन की कीमतों पर काबू करने के लिए कई कदमों की घोषणा की।
सरकार ने रिफाइंड पाम तेल पर बुनियादी सीमा शुल्क मार्च 2022 तक के लिए 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही कारोबारियों को दिसंबर 2022 तक एक और साल के लिए बगैर लाइसेंस के रिफाइंड तेल आयात की अनुमति दी गई है।
रिफाइंड पाम तेल और रिफाइंड पामोलीन पर प्रभावी शुल्क में कटौती (इसमें समाज कल्याण उपकर शामिल है) के बाद कर 19.25 प्रतिशत से घटकर 13.75 प्रतिशत रह गया है। 2020-21 (नवंबर से अक्टूबर) में भारत के कुल 131 लाख टन खाद्य तेल आयात में कच्चे व रिफाइंड पाम ऑयल का आयात 60 प्रतिशत से ज्यादा है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने कहा, ‘आयात शुल्क में कमी करने की घोषणा आत्मनिर्भर भारत के  हमारे सिद्धांत के प्रतिकूल है और इससे रोजगार सृजन व भारत के भीतर मूल्यवर्धन को नुकसान पहुंच सकता है।’ केवल खाद्य तेल ही नहीं, केंद्र सरकार ने दलहन को लेकर भी कई फैसले किए हैं। सरकार ने मूंग, अरहर और उड़द के  मुक्त आयात की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दी है। अरहर और उड़द का कार्गो भारत में 30 जून, 2022 के पहले आ जाएगा। मूंग के मुक्त आयात की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2021 को, जबकि अरहर व उड़द की अंतिम तिथि 30 दिसंबर, 2021 को खत्म हो रही थी। इंडिया पल्सेज ऐंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) के वाइस चेयरमैन बिमल कोठारी ने कहा कि उनके अनुमान के मुताबिक करीब 1.5 लाख टन अरहर अगले कुछ महीनों में वर्मा से आ जाएगी और आयात की अंतिम तिथि बढ़ाए जाने से घरेलू बाजार में स्थिरता रहेगी।

First Published - December 21, 2021 | 11:30 PM IST

संबंधित पोस्ट