सरकार शीघ्र ही निर्यातकों का बकाया 800 करोड़ रुपये जारी करने के लिए कदम उठाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि सरकार हाल में मंजूर निर्यात संवर्द्धन मिशन (ईपीए) के तहत पुनर्गठित ब्याज इक्वलाइजेशन स्कीम (आईईएस) को जारी कर रकम अदा करने की तैयारी कर रही है।
इससे निर्यातकों विशेषतौर पर एमएसएमई को राहत मिलेगी। निर्यातक वैश्विक चुनौतियों से दो चार हो रहे हैं। वे भारतीय उत्पादों पर अमेरिका के लगाए गए भारी भरकम शुल्क का भी सामना करने रहे हैं।
अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह रकम 31 दिसंबर, 2024 की बकाया राशि है। सरकार आईईएस के तहत निर्यातकों के बकाए का भुगतान करने के अलावा मार्केट ऐक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना की बकाया करीब 300 करोड़ रुपये की राशि भी जारी करेगी। एमएआई निर्यात संवर्द्धन योजना है और यह देश व उत्पाद केंद्रित है।
आईईएस एक ब्याज सहायता योजना है। इसके तहत निर्यातकों को खेप भेजे जाने से पहले व बाद में दिए जाने वाले रुपया निर्यात ऋण पर बैंक की वसूली जाने वाली ब्याज दरों में छूट दी जाती है। इसके बाद सरकार ऋणदाताओं को मुआवजा देती है। इससे निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलती है।
यह योजना वर्ष 2025 में पांच वर्ष के लिए निर्यातकों की समस्याओं को दूर करने के लिए शुरू हुई थी। यह योजना विशेष तौर पर श्रम सघन क्षेत्रों और एमएसएमई के लिए दी गई थी। इसके बाद इस योजना का समय समय बढ़ाया गया है। अभी यह योजना लागू नहीं है। इसका कारण यह है कि इसका सरकार ने 31 दिसंबर, 2024 के बाद विस्तार नहीं किया था।