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अमेरिकी बाजार में आक्रामक विस्तार की तैयारी, टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस ने बताई अपनी बड़ी रणनीति

टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस के एमडी रवि विश्वनाथन कहते हैं कि अमेरिका में नए सौदे, आपूर्ति श्रृंखला समाधान की मांग और वैश्विक पुनर्गठन से कंपनी तेज गति से बढ़ने की राह पर है।

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सोहिनी दास   
Last Updated- November 20, 2025 | 9:16 AM IST

हाल में अमेरिका के बाजार में उतरने के बाद टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस अब वहां के बाजार में सौदे हासिल करने पर ध्यान दे रही है। वैश्विक आर्थिक माहौल के उतार-चढ़ाव में चुस्त और विकास पर केंद्रित रहने के लिए वह अपने वैश्विक परिचालन का पुनर्गठन भी कर रही है। मुंबई में सोहिनी दास से बातचीत में प्रबंध निदेशक रवि विश्वनाथन ने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया। संपादित अंश …

आपने हाल में अमेरिकी बाजार में प्रवेश किया है। हमें अपनी योजनाओं के बारे में बताएं और क्या टैरिफ से जुड़ी मंदी आपके कारोबार को प्रभावित कर रही है?

हमने अमेरिका के औद्योगिक क्षेत्र में चार से पांच बड़े सौदे किए हैं। इनमें से अधिकांश विनिर्माण कंपनियों के साथ किए गए हैं। हमारी प्रमुख श्रेणियों – एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला समाधान (आईएससीएस) और वैश्विक फॉरवर्डिंग समाधानों में से वैश्विक फॉरवर्डिंग समाधान निश्चित रूप से व्यापाक माहौल और टैरिफ से प्रभावित है। उदाहरण के लिए भारत से अमेरिका को निर्यात में बड़ी गिरावट आई है। हम व्यापार समझौते का इंतजार कर रहे हैं।

उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में हो जाए। हमें विश्वास है कि यह इसी तिमाही में हो जाएगा, जिसका मतलब है कि चौथी तिमाही के अंत तक हमें कुछ हद तक सामान्य स्थिति की वापसी की उम्मीद है। लेकिन अभी भारत से अमेरिका को मूल्य निर्धारण काफी दबाव में है । खेप भेजने का काम वैश्विक कंटेनरों की आवाजाही से गहराई से जुड़ा हुआ है। अगर कोई लेन जाम हो जाती है, तो चक्र टूट जाता है। लेकिन मुझे लगता है कि लगभग एक या डेढ़ तिमाही में यह सामान्य स्थिति में आ जाएगा।

एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला समाधान कारोबार हमारे अमेरिकी कारोबार का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है और यह बड़े अमेरिकी विनिर्माताओं के साथ काम कर रहा है, जिसमें वेयरहाउसिंग, किटिंग, सोर्सिंग, सब-असेंबली का प्रबंधन तथा विनिर्माण के लिए समय पर डिलिवरी शामिल है। यह कारोबार का बड़ा हिस्सा है। अभी अमेरिकी कारोबार हमारे समेकित राजस्व में 10 से 12 प्रतिशत का योगदान देता है, लेकिन छोटे आधार के कारण यह तेजी से बढ़ेगा। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 27 में यह हमारे राजस्व का लगभग 13 से 14 प्रतिशत होगा।

इस वित्त वर्ष में आप 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व पार करने की राह पर हैं। भू-राजनीतिक माहौल के मद्देनजर अगले वित्त वर्ष के लिए राजस्व अनुमान क्या है?

वित्त वर्ष 26 में हमारी राजस्व वृद्धि दर सालाना आधार पर लगभग 10 प्रतिशत होनी चाहिए। इसलिए हम 11,000 करोड़ रुपये के पार होंगे। यह हमें अगले दो से तीन वर्षों में 15,000 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंचने की राह पर रख रहा है। हमारी आकांक्षा 15 प्रतिशत राजस्व वृद्धि दर की है और वित्त वर्ष 27 तक हम दो अंकों की शुरुआती स्तर की वृद्धि दर हासिल कर लेंगे।

पिछले कुछ वर्षों से आप भू-राजनीतिक अस्थिरता से कैसे निपट रहे हैं, जिससे आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन कारोबार में बाधा आती रही है?

करीब तीन साल पहले हमारी संयुक्त संरचना थी – अमेरिका, दो यूरोपीय परिचालन (ब्रिटेन और शेष यूरोप), भारत और एशिया-प्रशांत में मुख्यालय वाली माल ढुलाई। कई उत्पाद लाइनें हैं। हमने क्षमताओं को जोड़ने और ग्राहक के लिए चेहरा बनने के लिए प्रोजेक्ट वन शुरू किया – अधिक चुस्त और ग्राहकों पर केंद्रित। हमने पूरे यूरोप का विलय कर दिया, अनुभागों को कम किया और ग्राहक साझेदार लाए।

ग्राहक हासिल करना और उन्हीं ग्राहकों को अधिक क्षमताएं बेचना मकसद है। तीन साल पहले हमारे पास 53 फॉर्च्यून 500 ग्राहक थे। पिछले साल का समापन हमने 91 के साथ किया। फॉर्च्यून 500 कंपनियां मझोले आकार की स्थानीय कंपनियों की तुलना में अधिक सेवाओं का उपभोग करती हैं। अब हम कई भौगोलिक क्षेत्रों में भी ग्राहकों को सेवा प्रदान करते हैं।

आप वित्त वर्ष 27 तक 4 प्रतिशत कर पूर्व लाभ (पीबीटी) का लक्ष्य बना रहे हैं। मार्जिन में सुधार के लिए आप क्या कदम उठा रहे हैं?

फॉरवर्डिंग हमारे कारोबार का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा है। यह अस्थिर बना हुआ है। लेकिन 75 प्रतिशत कारोबार (आईएससीएस) दमदार संकेत दिखा रहा है, आईएससीएस के एबिटा में दो अंकों की राजस्व वृद्धि के साथ सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मार्जिन का प्रबंधन अच्छी तरह से किया जा रहा है। हम वित्त वर्ष 27 तक 4 प्रतिशत कर पूर्व लाभ (पीबीटी) का लक्ष्य रख रहे हैं, वर्तमान में यह 1.2 प्रतिशत है।

First Published : November 20, 2025 | 9:16 AM IST