दूसरी तिमाही में 8.5 से 12.7 प्रतिशत तक गिर सकता है सकल घरेलू उत्पाद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 9:05 PM IST

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने आज चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट का अनुमान घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले 11 से 12.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था। पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था मेंं 23.9 प्रतिशत की अप्रत्याशित गिरावट आई थी।
दूसरी तरफ बार्कलेज को लगता है कि दूसरी तिमाही में गिरावट तेज होकर 8.5 प्रतिशत हो जाएगी, जबकि पहले 8 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था। बर्कलेज ने कहा है कि आ रहे आंकड़े उसके पहले के अनुमान की तुलना में कमजोर हैं।
डन ऐंड ब्रैडस्ट्रीट ने अब जीडीपी में 9.9 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है, जबकि पहले  5.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था।
हर एजेंसी यह अनुमान लगा रही है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी। केयर रेटिंग ने 9.9 प्रतिशत, इंडिया रेटिंग ने 11.9 प्रतिशत और नैशनल काउंसिल आफ अप्लायड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने 12.7 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है।
इक्रा ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान विनिर्माण, निर्माण और सेवा क्षेत्र में पहले के अनुमान की तुलना में स्थिति कम खराब रहने के आसार की वजह से लगाए गए हैं।
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन से वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में औद्योगिक जीवीए (सकल मूल्यवर्धन) के प्रदर्शन में अपेक्षित सुधार होने की संभावना है।’ इक्रा ने अनुमान लगाया है कि दूसरी तिमाही में जीवीए में गिरावट 8.5 प्रतिशत रहेगी, जबकि पहले 10 से 11.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगााया था। उन्होंने कहा, ‘विनिर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में दूसरी तिमाही के दौरान मांग और मात्रा में सुधार हुआ है। हालांकि प्रदर्शन अभी असमान है। इसके साथ ही लागत घटाने के कदम जारी रहने, सस्ते दाम में खरीदे गए कच्चे माल की उपलब्धता बने रहने से विनिर्माण इकाइयों की कमाई को समर्थन मिला है।’ उन्होंने उम्मीद जताई है कि विनिर्माण जीवीए में संकुचन उल्लेखनीय रूप से कम होकर दूसरी तिमाही में करीब 10 प्रतिशत रह जाएगा, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 39.3 प्रतिशत था।
बहरहाल उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में असंगठित क्षेत्र का प्रदर्शन अभी साफ नहीं है और यह संभव है कि जीडीपी आंकड़े में इस क्षेत्र के प्रदर्शन की स्थिति पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं हो। इसका कारण आकलन के स्तर पर कमी का होना है।
रेटिंग एजेंसी ने निर्माण क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख सामग्री जैसे सीमेंट और स्टील क्षेत्र के प्रदर्शन में तेज सुधार होगा। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा सड़कों के आवंटन से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय बढ़ेगा। इक्रा ने अनुमान लगाया है कि निर्माण जीवीए में संकुचन घटकर 12 प्रतिशत रहेगा, जो पहली तिमाही में 50.9 प्रतिशत था।

First Published : November 20, 2020 | 12:31 AM IST