गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के जरिये कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं लागू की गई हैं जिसके बाद सरकार की नजर क्षेत्र आधारित विकास पर है। इसके तहत राज्य सरकारें गतिशक्ति पर मौजूद जानकारी की मदद से अपने यहां के इलाकों का सर्वांगीण विकास कर पाएंगी।
अभी तक गतिशक्ति का ध्यान केंद्र सरकार की आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करने पर था। अब इस रास्ते पर राज्य सरकारें आगे बढ़ रही हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसका पूरा फायदा लेने के लिए पूरे क्षेत्र के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इस क्रम में क्षेत्र की योजना पर आधारित 100 परियोजनाओं को शामिल किया गया है।
अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘योजना के चरण में 30 परियोजनाएं हैं। हम यह प्रयास कर रहे हैं कि कैसे मास्टर प्लान का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था के सर्वांगीण विकास के लिए किया जा सकता है। योजना के चरण में खान-पान के प्रमुख स्थानों, पेट्रोल पंप, संस्कृति की झलक दिखाने वाले स्थान आदि शामिल हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर, 2021 में जीआईएस प्लेटफॉर्म युक्त गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर की घोषणा की थी। इसमें कई मंत्रालयों की जारी और भविष्य की आधारभूत योजनाओं का समन्वित रूप से डेटाबेस सम्मिलित है। इसका मुख्य ध्येय यह है कि कनेक्टिविटी की कमी के अंतर को हल करने के साथ डाटा आधारित निर्णय की प्रक्रिया पर बल देकर लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया जाए।
इस मास्टर प्लान में सड़क, रेलवे लाइन, बंदरगाह, अंतर्देशीय जलमार्ग, टेलीकॉम लाइनों, बिजली की लाइनों के विभिन्न चरणों के आंकड़ों को समन्वित कर एक पोर्टल पर मुहैया करवाया गया है। इस मास्टर प्लान में आंकड़ों के1450 स्तर (लेयर) हैं। इनमें से 36 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों ने 585 आंकड़ों के स्तर को अपलोड किया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने आंकड़ों के 872 स्तरों को अपलोड किया है।
अभी तक केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर प्रमुख 76 आधारभूत परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है। इनमें रेलवे, राजमार्ग शिपिंग, औद्योगिक गलियारे, आवास व शहरी मंत्रालयों की परियोजनाएं हैं। इन परियोजनाओं की लागत 5.14 लाख करोड़ रुपये है।
अभी सामाजिक क्षेत्र से जुड़े मंत्रालयों ने सिलसिलेवार बैठकें की हैं और वे राष्ट्रीय मास्टर प्लान से जुड़ गए हैं। सामाजिक क्षेत्र से जुड़े मंत्रालयों की आधारभूत संपत्ति से जुड़े आंकड़ों के 61 स्तर उपलब्ध हैं। सरकारी वक्तव्य के अनुसार प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय, कॉलेजों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों, स्वास्थ्य के उप केंद्रो, सार्वजनिक शौचालयों, मलबा डालने के स्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों, उचित मूल्य दुकानों, अमृत सरोवरों और डेरी की जगह आदि शामिल हैं।